प्रशासन ने जेसीबी को किया जब्त, चार लोगों को लिया हिरासत में
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भू-माफिया ने स्कूल की चहारदीवारी को तोड़ा
प्रशासन ने जेसीबी को किया जब्त, चार लोगों को लिया हिरासत में जहानाबाद नगर : शहर में भू-माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह सरकारी जमीन को भी अपना बता उसे कब्जाने से बाज नहीं आ रहे हैं. शुक्रवार की देर शाम जिला मुख्यालय स्थित इंडोर स्टेडियम के समीप इस तरह का नजारा […]
जहानाबाद नगर : शहर में भू-माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि वह सरकारी जमीन को भी अपना बता उसे कब्जाने से बाज नहीं आ रहे हैं. शुक्रवार की देर शाम जिला मुख्यालय स्थित इंडोर स्टेडियम के समीप इस तरह का नजारा देखने को मिला. भू-माफिया द्वारा स्कूल की जमीन को अपना बता चहारदीवारी तोड़ दी गयी. स्कूल भवन को भी तोड़ने का प्रयास किया गया. हालांकि समय पर प्रशासन के पहुंच जाने के कारण स्कूल भवन टूटने से बच गया. प्रशासन द्वारा इस मामले में एक जेसीबी को जब्त किया गया है. वहीं चार लोगों को हिरासत में लिया गया है. हिरासत में लिए गये लोगों में हारुण रसीद, संतोष कुमार, मो कामिल तथा अरविंद कुमार वर्मा शामिल हैं.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि शुक्रवार की देर शाम भू-माफिया जेसीबी के साथ इंडोर स्टेडियम के समीप एक ही परिसर में संचालित कस्तूरबा विद्यालय तथा कन्या बालिका विद्यालय के समीप पहुंचे तथा विद्यालय की जमीन को अपना बताते हुए विद्यालय की चहारदीवारी को तोड़ने लगे. चहारदीवारी तोड़ जेसीबी स्कूल परिसर में प्रवेश कर गया तथा स्कूल के पुराने भवन को तोड़ने लगा. हालांकि समय रहते इसकी जानकारी प्रशासन को दी गयी.
मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने जेसीबी को जब्त कर लिया. साथ ही चार लोगों को हिरासत में ले लिया. हालांकि जेसीबी का चालक होशियारी दिखाते हुए भाग-खड़ा हुआ तथा जीपीएस के माध्यम से जेसीबी को लॉक कर दिया जिससे प्रशासन द्वारा जेसीबी चालू नहीं कराया जा सका. इस संबंध में अंचलाधिकारी सुनील कुमार शाह ने बताया कि उक्त जमीन सरकारी है जिसे कुछ लोग फर्जी कागजात के आधार पर अपना बताते हुए उसे कब्जाने का प्रयास कर रहे थे.
सीओ ने कहा. जमीन है सरकारी
नप अध्यक्ष से ली थी तोड़ने की अनुमति
स्कूल की चहारदीवारी तथा स्कूल भवन तोड़ने के प्रयास में हिरासत में लिए गये लोगों का कहना है कि यह जमीन उनकी है. जमीन को खाली कराने के लिए उनके द्वारा नप अध्यक्ष से परमिशन भी लिया था. हालांकि जब मामला प्रशासन के समक्ष आया तब नप अध्यक्ष द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा कोई भी परमिशन नहीं दिया गया है. जो कागजात लोग दिखा रहे हैं वह फर्जी है. हालांकि प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच में जुटा है. आखिर इसकी हकीकत क्या है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.
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