जहानाबाद : दरिंदगी की हद तो तब हो गयी जब अपराधियों ने पत्नी के साथ कमरे में सो रहे वीरेंद्र को भी नहीं बख्शा. बेरहमी से पलंग से खींचते हुए अपराधियों ने उसे घर के करीब ही खुले में ले जाकर ठंड के इस मौसम में नंगा कर दिया और ताबड़तोड़ लाठी-डंडों से प्रहार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. पिटाई के दौरान मृतक की पत्नी गीता देवी अपने सुहाग की भीख मांगती रही लेकिन दरिदे रहम की बजाय हंसी-ठिठोली करते रहे. गीता को लात मारकर वहां से किनारा कर दिया. वीरेंद्र के शरीर पर पत्थर के बड़े टुकड़ों से प्रहार किया गया था.
नाखून कूच कर दी थी यातना :अपराधियों ने पांचों भाइयों के साथ क्रूरता की थी. वीरेंद्र और राजू को अगवा करने के बाद घंटों तड़पाया गया. घर की महिलाओं ने बताया कि अपराधियों ने इन भाइयों को रॉड, पत्थर और लकड़ी के मोटे सीलियों से पीटा है. बारी-बारी से दो मृत भाइयों के हाथ-पांव के अंगुलियों को कूच कर यातना दी थी. पीटते हुए उन्हें 100 मीटर की दूरी तक घसीटा गया था. दोनों के हाथ-पैर के नाखून खंती से कूच दिये गये थे तो पेट पर चढ़ कर रौंद दिया था. इस कारण दोनों ने उल्टी कर दी थी. तब भी अपराधियों को दया नहीं आयी और तीन अन्य भाइयों के साथ पांचों को अगवा कर खेत में ले जाकर इतना पीटा था कि दो की मौत हो गयी और तीन पटना में जीवन-मौत से जूझ रहे हैं.
बर्तन, बकरा, खोया और धनिया पत्ता तक ले भागे अपराधी: सोमवार की रात 30-40 की संख्या में आये हमलावरों ने गूंगी गबुधनी देवी के घर के चिरागों को तो बुझाया ही, उस गरीब के घर में रखे सभी सामान भी लूटकर ले भागे. बर्तन और घर में बंधे बकरा को तो ले ही गये, बच्चों को खिलाने के लिए रखा हुआ खोया को भी नहीं छोड़ा. घर की बरती देवी बताती हैं कि एक दिन पूर्व ही खोया खाने की जिद पर खोया बनाकर रखा गया था. बिक्री के लिए बगान से उखाड़कर लाये गये धनिया के पत्ते भी अपराधी ले भागे, जो बिक्री के लिए बोरी में रखे गये थे.