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गिरफ्तारी से संगठन की कमर टूटी

राहत. कुख्यात नक्सली असमिया का क्षेत्र के लोगों में खौफ असमिया की गिरफ्तारी से न सिर्फ पुलिस बल्कि आमलोगों ने राहत की सांस ली है. संगठन को मजबूत करने में जुटा था असमिया. बेलहर/झाझा : अंतरराज्यीय नक्सली उमेश मरांडी उर्फ रमेश असमिया उर्फ मनोज दा की गिरफ्तारी से न सिर्फ पुलिस बल्कि आमलोगों ने राहत […]

राहत. कुख्यात नक्सली असमिया का क्षेत्र के लोगों में खौफ

असमिया की गिरफ्तारी से न सिर्फ पुलिस बल्कि आमलोगों ने राहत की सांस ली है. संगठन को मजबूत करने में जुटा था असमिया.
बेलहर/झाझा : अंतरराज्यीय नक्सली उमेश मरांडी उर्फ रमेश असमिया उर्फ मनोज दा की गिरफ्तारी से न सिर्फ पुलिस बल्कि आमलोगों ने राहत की सांस ली है वहीं नक्सली संगठन की कमर टूटी है. कई शीर्ष नेता मारे गए तो कई पुलिस के हत्थे चढ़ गया. शीर्ष नेता चिराग दा, मंटू खैरा को जहां पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया वहीं असमिया समेत कई दिग्गज नेता को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे कर दिया. वर्ष 2010 के दशक में जमुई जिला का प्रखंड नक्सलियों के कब्जे में था.
जैसे-जैसे पुलिस हाइटेक हुई आम आदमी जागरूक हुआ.नक्सली संगठन बेक फुट पर आते गयी .वर्ष 2008 में झाझा स्टेशन कांड से लेकर कुन्धुर ट्रेन हाईजेक कांड को अंजाम देने वाला नक्सली संगठन बिखरता चला गया .झाझा का अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र नारगंजो,बराकोला आदि जगहों पर तो लोग आना- जाना नही चाहता था .नक्सलियों के कमजोर होने की वजह से वहां के लोग सामान्य जिंदगी जी रहे हैं .असमिया अभी इस इलाके में अपना वर्चस्व बना ही रह था कि पुलिस के हत्थे चढ़ गई.सर्वगुण सम्पन्न असमिया सुदूर क्षेत्र में जाकर लोगो को जागरूक कर संगठन को मजबूत करने के फिराक में था लेकिन पुलिस की सक्रियता ने संगठन की मजबूती पर पानी फेर दिया.

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