चापाकल खराब. पेयजल के लिए दर-दर भटकते हैं बच्चे
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छात्रों ने किया स्कूल में हंगामा
चापाकल खराब. पेयजल के लिए दर-दर भटकते हैं बच्चे छात्रों ने कहा कि विद्यालय के शिक्षक अपने साथ बोतल बंद पानी लेकर आते हैं और उसी से अपना काम चलाते हैं. इस कारण खराब पड़े चापाकल को ठीक कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं. विद्यालय में चापाकल नहीं रहने के कारण मध्याह्न भोजन बनाने […]
छात्रों ने कहा कि विद्यालय के शिक्षक अपने साथ बोतल बंद पानी लेकर आते हैं और उसी से अपना काम चलाते हैं. इस कारण खराब पड़े चापाकल को ठीक कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं. विद्यालय में चापाकल नहीं रहने के कारण मध्याह्न भोजन बनाने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
गिद्धौर (जमुई) : पेजयल की समस्या से त्रस्त प्रखंड क्षेत्र के कुंधुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय रामाकुराव के छात्रों ने गुरुवार को विद्यालय परिसर में जम कर हो-हंगामा किया. छात्र रूपेश कुमार,संदीप कुमार, मुकेश कुमार, पिंटू कुमार,छात्रा पवनी कुमारी,पायल कुमारी,पूजा कुमारी,प्रियंका आदि ने बतायी कि इस विद्यालय में एक मात्र चापाकल है जो महीनों से खराब है. हमलोगों को इस भीषण गरमी में पानी पीने को लेकर इधर-उधर भटकना पड़ता है.
छात्रों ने बताया कि विद्यालय के शिक्षक अपने साथ बोतल बंद पानी लेकर आते हैं और उसी से अपना काम चलाते हैं. इस कारण खराब पड़े चापाकल को ठीक कराने में अधिक रुचि नहीं ले रहे हैं.
चापाकल ठीक नहीं कराया गया तो बच्चों को नहीं आने देंगे स्कूल
आक्रोशित छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि जल्द से जल्द विद्यालय में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त नहीं करवाया गया तो हम अपने बच्चे को विद्यालय आना बंद करवा देगें. इस बाबत पूछे जाने पर प्रभारी प्रधानाध्यापिका वंदना कुमारी ने बताया कि विद्यालय में खराब पड़े चापाकल को दुरुस्त करवाने को लेकर लिखित सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी विकास कुमार एवं प्रखंड मध्याह्न भोजन साधनसेवी आमिर दास को दी गयी है, लेकिन अबतक कोई पहल नहीं की गयी है.
मध्याह्न भोजन बनाने में भी होती है परेशानी
विद्यालय में चापाकल नहीं रहने के कारण मध्याह्न भोजन बनाने में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.मध्याह्न भोजन रसोईया सुना देवी, सोनी देवी ने बतायी कि विद्यालय में चापाकल नहीं रहने के कारण हमें गांव के किसी चापाकल से पानी लाने पड़ता है. जिसमें काफी परेशानी भी होती है.वो बताती हैं कि विद्यालय रिपोर्टिंग को ले शिक्षा विभाग के कर्मियों का भी विद्यालय आना जाना लगा रहता है. उनकी भी नजर महीनों से खराब पड़े इस चापाकल पर नहीं पड़ती है.
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