हलकान. भीषण गरमी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
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पारा 43 डिग्री पर पहुंचा
हलकान. भीषण गरमी से जनजीवन अस्त-व्यस्त गरमी लगातार बढ़ रही है. लोगों को घर बैठे परेशानी हो रही है. पंखे गरम हवा देते हैं. गरम पानी से नहाने की मजबूरी बनी हुई है. लोग बीमार हो रहे हैं. लेकिन अगले कुछ दिनों तक गरमी अौर बढ़ने की आशंका है. कम होने के आसर नहीं दिख […]
गरमी लगातार बढ़ रही है. लोगों को घर बैठे परेशानी हो रही है. पंखे गरम हवा देते हैं. गरम पानी से नहाने की मजबूरी बनी हुई है. लोग बीमार हो रहे हैं. लेकिन अगले कुछ दिनों तक गरमी अौर बढ़ने की आशंका है. कम होने के आसर नहीं दिख रहे.
जमुई : जैसे जैसे गरमी की तपिश तेज होती चली जा रही है वैसे वैसे लोगों की परेशानी बढ़ती चली जा रही है. गरम पछुआ हवा की तेज झोंके से सुबह आठ बजे के बाद ही लोग सड़कों पर अपने घर से बाहर निकलने में कतराने लगते है. सबसे ज्यादा परेशानी तो विद्यालय जाने वाले बच्चों और कार्यालय जाने वाले कर्मियों को हो रही है.
गरमी की तेज तपिश के कारण दोपहर में सड़कें सुनसान दिखाई पड़ने लगती है और सड़कों पर अपने जरूरी काम से बाहर निकलने वाले इक्के दुक्के लोग ही नजर आते हैं.वहीं लोग जूस,सत्तु का शरबत ,तरबूज,आईसक्रीम आदि की दुकानों पर खड़े होकर और उनका स्वाद लेकर गरमी से बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.
कार्यालय में काम करने वाले लोग भी गरमी से बचने के लिए अपने अपने कार्यालय में कुलर और एसी की ठंडी हवा में बैठे रहना ही उचित समझ रहे हैं.गरमी की तेज तपिश और आसमान से बरसता लू लोगों को झुलसा रहा है.सुबह नौ बजे के बाद लोग अपने घर से गमछी या तौलिया से चेहरा ढ़ंक कर या छाता लगा कर ही अपने घर से बाहर निकला मुनासिब समझते हैं.गरमी की तेज प्रकोप की बजह से लोगों की हालत पतली होती चली जा रही है.
लोगों की माने तो भीषण गरमी की वजह से दोपहर में पंखे की हवा भी गर्म हो जाती है और घरों में रहना भी दूभर हो जाता है.बिजली नहीं रहने पर हाथ पंखा ही एक मात्र सहारा होता है.गरमी से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है.क्योंकि वह सुबह में किसी तरह अपने विद्यालय तो चले जाते है लेकिन स्कूल से वापस लौटने में दोपहर 12 बजे के करीब उन्हें सूरज की तेज तपिश का सामना करना पड़ता है.हलांकि गरमी की तेज तपिश और चिलचिलाती हुई धूप कि चपेट में आकर बच्चें बीमार भी हो रहे हैं. जिससे उनके अभिभावकों को भी परेशानी हो रही है.
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