जमुई : पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह मिलते ही चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है. कोई मोतियों की माला तो कोई कैमरा लेकर घूम रहा है. कोई गाजर तो कोई मतदाताओं को बैगन दिखा रहे है. कार का निशान पाए लोग खुश हैं तो रोड रोलर वालों के सामने खड़ी हो गई है. परेशानी 1 जिनका चुनाव चिन्ह पहचान की दृष्टी से उम्दा है.वे प्रत्याशी तो मारे खुशी से उछल रहे है. लेकिन जिनका चुनाव चिन्ह देखने की दृष्टिकोण से धुंधला है उनमें थोड़ा मायूसी देखी जा रही है.चुनाव चिन्ह तो मतदान की एक आवश्यक प्रक्रिया में शामिल हैं अंतिम फैसला जनता सुनाती है.
चुनाव आयोग के अल्फाबेटिकल फार्मूला के तहत क्रमानुसार अभयार्थियों को प्रतीक चिन्ह दिये गये है. जिनमें जिला परिषद सदस्यके लिए पतंग, लेडी पर्स लेटर बॉक्स, ताला और चाभी, मक्का, प्रेशर कुकर , रेल इंजन जैसे प्रतीक शामिल है.वही मुखिया पद के लिए मोतियों की माला सबसे ऊपर इसके बाद ब्लैक बोर्ड, कलम दवात, ईट, पुल, बैगन, ब्रश, चिमनी आदि शामिल है.सरपंच को स्टोव, बाइक, नल, बल्ब, जीप, काठगाड़ी, आदि तो वार्ड सदस्य पद के अभ्यर्थियों को वायुमान, आलमीरा, कुल्हाडी गुब्वारा व केला तथा पंच को गुडि़या, चापाकल, कुर्सी, ऑर्च व ट्रेक्टर शामिल है.