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बरामद लैपटाप विफल कर सकता है नक्सली संगठन की आगामी योजना
जमुई : बीते संध्या पुलिस ने पुन: नक्सलियों की मंशा को विफल कर दिया है.बताते चले कि नक्सली नेता चराग दा की हत्या के बाद बैकफुट पर गयी भाकपा माओवादी संगठन इस क्षेत्र में पैठ जमाने तथा पुलिस प्रशासन से अपना हिसाब बराबर करने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. लेकिन पुलिस की सक्रियता […]
जमुई : बीते संध्या पुलिस ने पुन: नक्सलियों की मंशा को विफल कर दिया है.बताते चले कि नक्सली नेता चराग दा की हत्या के बाद बैकफुट पर गयी भाकपा माओवादी संगठन इस क्षेत्र में पैठ जमाने तथा पुलिस प्रशासन से अपना हिसाब बराबर करने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है.
लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण संगठन असफल ही रही है.सूत्रों की मानें तो संगठन इस क्षेत्र में सफलता को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. घने जंगल व पहाड़ों के बीच स्थित जिला का सीमावर्ती क्षेत्र नक्सलियों के लिए सेफ जोन है. चिराग दा के नेतृत्व में इन क्षेत्रों में रह कर सगंठन काफी कुछ सफलता अर्जित कर पुलिस के सिरदर्द बन गया था.
जिसके तहत सीआरपीएफ डिप्टी कमांडेट हीराकांत झा की हत्या,खैरा थाना पुलिस गश्ती दल पर हमला(जिसमें अवर निरीक्षक जे के सिंह की हत्या हो गयी थी जबकि कई पुलिस कर्मी घायल हो गये थे), खैरा थाना क्षेत्र के ही परासी गांव स्थित निर्माणाधीन पुलिस कैंप को विस्फोट कर उड़ाने के बाद एसटीएफ पुलिस वाहन पर हमला बोल कर एक जवान को मौत का घाट उतार दिया था.इसके अलावे भी कई घटना को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था. लेकिन चिराग दा की हत्या के बाद संगठन का मनोबल गिरा है.
जबकि पुलिस का मनोबल काफी उंचा हुआ है.बताते चलें कि चिराग दा के खाली स्थान की पूर्ति को लेकर भी संगठन चिंतित है.लेकिन अबतक संगठन द्वारा इसे लेकर लगातार किये जा रहे प्रयास सफल नहीं हो सका है.बताते चलें कि जमुई-लखीसराय की सीमावर्ती इलाका में बीते गुरुवार की संध्या हुए मुठभेड़ के बाद पुलिस पुन: संगठन के लैपटाप को बरामद किया है.
इसके पूर्व भी पुलिस ने छापेमारी के दौरान पड़ोसी जिला नवादा से चिराग दा के लैपटाप को बरामद किया था. जिससे संगठन को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है.सूत्रों की मानें तो पुलिस मुठभेड़ के बाद बरामद लैपटाप को संगालने में जुट गयी है.
महत्वपूर्ण बैठक को साकार करने में जुटे थे संगठन के साथी. बीते संध्या लखीसराय व जमुई की सीमा पर हुए पुलिस व नक्सली मुठभेड़ के बाबत सूत्रों की मानें तो विभिन्न स्थानों से आये संगठन के पदाधिकारियों को एक विशेष बैठक को साकार करना था.इसी को लेकर प्रवेश दा सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों का जमाबड़ा वहां लगा था.
सूत्र बताते हैं संगठन के सदस्य वहां इक्कठा होने के उपरांत जिला के दक्षिणी भाग में आयोजित बैठक में शामिल होते. लेकिन इसकी भनक पुलिस को मिल गयी और सैकड़ों जवानों के साथ उक्त स्थल की घेराबंदी करने लगी.जिसे देख संगठन के सदस्य गोलीबारी कर तथा अंधेरा का लाभ उठा कर वहां से निकल लिया.और एक बार फिर नक्सलियों की योजना विफल हो कर रह गयी है.
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