खैरा : अखिल भारतीय किसान महासभा राज्य कमेटी की ओर से रविवार को खैरा-जमुई मुख्य मार्ग हाई स्कूल के समीप राज्य सरकार के विरोध में चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर किसानों को धान का बोनस देने की मांग किया. जाम से वाहनों की लंबी कतार लग गयी. यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. मौके पर जिला सचिव शंभुशरण सिंह ने संबोधन में कहा कि चक्का जाम सरकार की जन विरोधी नीति के विरोध में किया गया.
राज्य सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर चल रही है. बिहार के अर्थतंत्र की रीढ़ में बटायेदार किसान है. इन किसानों का सरकार निबंधन नहीं कर रही है. किसानों को बोनस भी नहीं दिया जा रहा है. इस सभा के माध्यम से यह मांग है कि बटायेदारों का धान खरीदा जाय एवं गरीबों को 500 रुपया प्रति क्विंटल बोनस के रूप में दिया जाय. सरकार गरीबों को पंचायत चुनाव से वंचित करने के लिए शौचालय घर वापस लिया जाय. सरकार अनाज के बदले पैसा योजना का प्रयोग पूर्णिया जिले के कसबा प्रखंड में शुरू की है. जन वितरण प्रणाली को समाप्त करने की साजिस है. इस रोड जाम की सूचना मिलते ही खैरा थाना प्रभारी रामनाथ राय दलबल के साथ पहुंच कर समझा-बुझा कर जाम हटवाया. मौके पर अर्जुन शर्मा,उमाशंकर पासवान,कृष्ण कुमार,दामोदर यादव सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे. सोनो प्रतिनिधि के अनुसार अखिल भारतीय किसान महासभा प्रखंड कमेटी सोनो के कार्यकर्ताओं ने रविवार को किसान जागरण सप्ताह के अंतिम दिन सोनो चौक पर प्रदर्शन करते हुए चक्का जाम किया़
सड़क जाम को हटाने के लिए मौके पर पहुंचे अधिकारी व प्रभारी थानाध्यक्ष विजय चौधरी को कार्यकर्ताओं ने एक मांग पत्र भी सौंपा़ जाम स्थल पर ही हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान महासभा के जिला सचिव कामरेड मनोज पांडेय ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राज्य व्यापी चक्का जाम किया गया़.
आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार बटाइदार किसान का निबंधन नहीं कर रही है तो दूसरी ओर पैक्स इन गरीबों का धान बिना कागज के नहीं खरीद रही है और ना ही किसानों को बोनस दिया जा रहा है़ पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के लिए शौचालय की अनिवार्यता को वापस लिया जाय व दलीय आधार पर पंचायत चुनाव कराया जाय़ अनाज के बदले पैसा योजना का भी विरोध करते हुए उसे वापस लेने की मांग किया गया़ मौके पर सविता देवी,सुधीर ठाकुर,बसारत अंसारी,सुरेंद्र यादव,तालो सोरेन,सत्येंद्र,नागो साह सहित दर्जनों कार्यकर्ता जाम स्थल पर मौजूद थे.
चकाई प्रतिनिधि के अनुसार रविवार को राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा लगभग एक घंटे तक चकाई मोड़ जाम रखा गया़ मौके पर जाम स्थल पर जुटे भीड़ को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता जयप्रकाश दास ने कहा कि संगठन द्वारा 18 से 24 जनवरी तक किसान जागरण सप्ताह मनाया जा रहा है़ इसी के तहत चक्का जाम किया गया़ वही आदिवासी किसान नेता कालू मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार भी केन्द्र सरकार के तर्ज पर किसान विरोधी नीति अपनाये है. बटाईदार गरीब किसानों की सरकार बिना कागजात के इनका धान भी नहीं खरीद रही है.
वही किसानों को धान खरीद का बोनस भी नहीं दिया जा रहा है. दूसरी ओर गरीबों को पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित करने के लिए शौचालय रहने की आवश्यक शर्त रख रही है. इस आंदोलन के जरिये अखिल भारतीय किसान महासभा सरकार से मांग करती है कि बटाईदारों का धान खरीदा जाय,शौचालय का शर्त हटाया जाय, किसानों को धान का बोनस दिया जाय, पंचायत चुनाव दलीय आधार पर कराया जाय अन्यथा हमलोग आन्दोलन के जरिये इसका विरोध जारी रखेंगे.
वहीं जाम लगने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी. मौके पर शिवन राय, राधे साह, सहदेव साह, मो़ सलीम,राजकुमार यादव,अशोक पंडित,अनिल यादव, फुचन टुडु, सिकंदर वर्मा,सुनील पांडेय,गंगाधर शर्मा,व्यास यादव आदि लोग मौजूद थे. झाझा प्रतिनिधि के अनुसार रविवार को झाझा-जमुई मुख्य सड़क के सोहजाना मोड़ के पास अखिल भारतीय किसान महासभा राज्य कमिटि के सदस्यों द्वारा अपनी मांगों को लेकर सड़क जाम कर दिया. सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे जयराम तुरी एवं रमेश यादव ने कहा कि सरकार को जनविरोधी नीति के विरोध में चक्का जाम किया जा रहा हैं.
राज्य सरकार अब केन्द्र सरकार के तर्ज पर चल रही हैं. बिहार के अर्थतंत्र की रीढ़ में बटायेदार किसान है. इन किसानों को सरकार निबंधन नहीं कर रहा है. दूसरी ओर बिना कागज इनका धान भी नहीं खरीदा जा रहा है. इस आन्दोलन के माध्यम से मांग की गयी कि बटायेदारों की धान खरदा जाय. सभी गरीबों को 500 रूपया प्रति क्विंटल बोनस के रूप में दिया जाय. वही पंचायत चुनाव दलिय आधार पर किया जाय. इस अवसर पर कंचन रजक, राजेश मंडल, गुलटेन पुजहर, पप्पू नैया, संजय मंडल, कामदेव टुडू आदि कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.