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अज्ञात बीमारी से मर रही बकरियां
एक सप्ताह के अंदर दर्जनों बकरियां मरने से क्षेत्र के बकरी पालक परेशान हैं. इस मामले में पशु चिकित्सालय के पास वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. सोनो : बीते 10 दिनों से क्षेत्र में बकरियां तेजी से मर रही है़ एक अजीब तरह की बीमारी बकरियों को अपनी चपेट में ले रहा है़ इस अज्ञात बीमारी […]
एक सप्ताह के अंदर दर्जनों बकरियां मरने से क्षेत्र के बकरी पालक परेशान हैं. इस मामले में पशु चिकित्सालय के पास वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.
सोनो : बीते 10 दिनों से क्षेत्र में बकरियां तेजी से मर रही है़ एक अजीब तरह की बीमारी बकरियों को अपनी चपेट में ले रहा है़ इस अज्ञात बीमारी से ग्रसित बकरी देखते ही देखते काल के गाल में समा जाती है़ इस रोग से ग्रसित बकरी पर किसी भी दवा वगैरह का प्रभाव नहीं पड़ रहा है़
बीमार होने के चार से पांच दिनों के भीतर बकरियां मर जा रही है़ प्रखंड मुख्यालय सोनो के अलावे समीपवर्ती गांव बलथर, मानधाता, देहरिडीह, पैलवाजन, कटियारी सहित कई गांव में यह रोग अपना पैर पसार चुका है़ किसानों की मानें तो अब तक बड़ी संख्या में बकरी, पाठा, खस्सी व मेमने इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गवां बैठे है़ं इस तरह अचानक बकरियों के मरने से बकरी पालने वाले छोटे किसान हताश व परेशान है़
इसी तरह परेशान बकरी पालक सोनो निवासी गोपाल रजक ने बताया कि उसके पास लगभग दो दर्जन बकरी, पाठा व खस्सी था परंतु उक्त अज्ञात बीमारी की चपेट में आकर 20 बकरी व खस्सी की मृत्यु पिछले एक सप्ताह में हो गयी है़ गोपाल की बची बकरियां भी बीमार है़ं उसने बताया कि उन्हें कम से कम एक लाख रुपये का घाटा हुआ है़ इस आर्थिक क्षति ने हमारा कमर ही तोड़ दी है. रोते हुए गोपाल की पत्नी कहती है कि उसने बड़ी उम्मीद से बकरी पालन शुरू किया था ताकि माली हालत में सुधार हो सके परंतु ऐसा नही हुआ़ इसी प्रकार अन्य कई गांव के छोटे-छोटे किसान जिन्होंने कम संख्या में बकरी पालन कर रखा है उन्हें भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है़
बीमार बकरियों के लक्षण
पशुपालक बताते हैं कि बीमारी की चपेट में आते ही बकरी को सर्दी हो जाती है व उसके नाक से अवशिष्ट पदार्थ निकलने लगता है़ बकरी खाना-पीना भी छोड़ देती है व सांस में घरघराहट आ जाती है़
दवा का नहीं होता है असर
स्थानीय पशु चिकित्सालय भी इस बीमारी को लेकर लाचार हो गये है़ं किसी भी दवा का प्रभाव बीमार बकरियों पर नही पड़ रहा है़ इस बीमारी से ग्रसित बकरियों पर न तो एंटीबयोटिक दवा और न ही अन्य कोई दवा का प्रभाव पड़ रहा है़
कहते हैं प्रखंड पशु चिकित्सक
प्रखंड पशु चिकित्सक सुबोध कुमार सक्सेना ने इस संदर्भ में बताया कि कुछ दिनों से इस तरह की बीमारी बकरियों में देखी जा रही है जो पीपीआर नामक एक वायरल रोग है़ इस रोग में कोई दवा असरदार नहीं है़ इस रोग से बचने के लिए वैक्सीन दिया जाता है परंतु अस्पताल में यह वैक्सीन उपलब्ध नही है़ यहां तक कि बाजार में भी यह वैक्सीन सहज रूप से उपलब्ध नहीं है़
बकरियों को रखें परहेज से
पशु चिकित्सक बताते हैं कि चूंकि उक्त बीमारी वायरस से हो रही है जो एक बीमार बकरी से दूसरे बकरी में फैल जाती है. लिहाजा बीमार बकरी को स्वस्थ बकरी से अलग रखें. बीमार बकरी को खाना भी अलग दें व उसकी नाक की सफाई करते रहें़
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