यह भी बतलाने की कोशिश की गयी़ कलाकारों ने बताया कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं हो सकता़ यह समाज सबों का है और इसके विकास के लिए लोगों को मिलकर काम करना होगा़ नाटक के माध्यम से वैसे युवाओं को संदेश दिया गया कि लौट कर वापस आये और समाज की मुख्य धारा से जुड़े.
क्योंकि हिंसा के रास्ते पर समस्याएं और अधिक बढ़ जाती है़ नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में नाटक द्वारा वैसे युवाओं को एक आइना दिखाया गया जो अभी गुमराह होने की दिशा में है़ कलाकारों ने बड़े ही भावनात्मक प्रस्तुति के माध्यम से हथियार उठाए वैसे लोगों को यह दिखलाने व अहसास करने का प्रयास किया कि सामाज के अलावे उनके पारिवार की क्या सोच होती है. जब उनके द्वारा कोई नक्सल वारदात को अंजाम दिया जाता है़ मौके पर उपस्थित वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने भी अपने संबोधन में वैसे भटके लोगों को समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का आहवान किया़ बुधवार को पैरामटिहाना में जहां एसपी अभियान डीएन पांडेय, थानाध्यक्ष दीपक कुमार, एसआइ विजय कुमार चौधरी के अलावे कई सीआरपीएफ व एसटीएफ के जवान थे. जबकि गुरुवार को चरकापत्थर में एसएसबी के पदाधिकारी अमित कुमार के अलावे थानाध्यक्ष शंकरदयाल प्रभाकर व एसएसबी जवान मौजूद थे़