जमुई : युवा काल में ही राजपाट व संसारिक सुख को त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति हेतु गृह त्याग किये महावीर की यादगार में उनके बड़े भाई नंदीवर्द्धन द्वारा करीब 2600 वर्ष पूर्व उनके जीवन काल में ही यह प्रतिमा जन्म स्थान में स्थापित किया गया था.
बिहार प्रदेश जैन सोसाइटी के सचिव प्रदीप जैन ने प्रभात खबर कार्यालय को दूरभाष पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पांच सौ किलो की यह प्रतिमा वर्ल्ड की सबसे कीमती पत्थरों में है.
इसका कीमत लगाना मुमकिन नहीं है. अर्थात यह प्रतिमा धार्मिक दृष्किोण के अलावे भी बेशकीमती है. सचिव श्री जैन ने घटना के बाबत कहा कि इस घटना से प्रदेश की साख शर्मसार हो रहा है. भगवान महावीर की प्रतिमा की चोरी की घटना को सुन कर देश के हजारों लोगों ने उपवास कर दिया है.
उन्होनें कहा कि यह घटना नक्सली संगठन का नहीं है बल्कि इसे मूर्ति चोर गिरोह के सदस्यों ने अंजाम दिया है. सचिव प्रदीप जैन ने बिहार सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों से आगे आकर इस पवित्र पावन भूमि की मर्यादा को अक्षुण्ण रखने में सहयोग करने की अपील किया है.उन्होनें कहा कि घटना से पूरा देश का शर्मसार होगा. इसलिए यहां के नेताओं को आगे बढ़कर भूमिका निभाना चाहिए.