27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहरी क्षेत्र में जल-जमाव, बढ़ी परेशानी

काश बरसात नहीं आता, कम से कम सड़कों की इस नारकीय स्थिति से छुटकारा तो मिलता मन में पनपता यह विचार इन दिनों हर उस राहगीर के दिमाग में होता है जो सोनो चौक से बाजार के लिये सड़क से गुजरता है. वर्तमान में सड़क पर जमे पानी व कीचड़ से पैदल चलना भी मुश्किल […]

काश बरसात नहीं आता, कम से कम सड़कों की इस नारकीय स्थिति से छुटकारा तो मिलता मन में पनपता यह विचार इन दिनों हर उस राहगीर के दिमाग में होता है

जो सोनो चौक से बाजार के लिये सड़क से गुजरता है. वर्तमान में सड़क पर जमे पानी व कीचड़ से पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है. कीचड़ व जमे पानी के सड़न से सड़क के समीप वाले घरों के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. वर्तमान हालात यह है कि पैदल तो दूर वाहन चालक भी इस सड़क पर मजबूरी में ही अपने वाहन चलाते है.

सोनो चौक से गुजरते एनएच 333 से आप जैसे ही मुख्य बाजार की ओर जायेंगे. आपका स्वागत मिनी तालाब में तब्दील सड़क के गड्ढे से होगा. बाजार तक आते-आते लोगों को भारी मुसीबतें उठानी पड़ती है. चौक से शीतला मंदिर तक की सड़क बेहद खराब हो चुकी है. सड़कों की यह सूरत सूबे की सरकार के विकास की पोल खोलती नजर आती है. क्षेत्र में विकास की जिम्मेदारी निभा रहे प्रशासनिक लोगों का रवैया भी इस ओर उदासीन है.

जिस मुख्य सड़क से होकर सोनो मुख्यालय सहित पश्चिम क्षेत्र के दर्जनों गांव की ओर प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है. उस सड़क की दयनीय स्थिति को सुधारने के लिये प्रशासन गंभीर नहीं है. खास कर बरसात में बीमारियों के बढ़ने की संभावनाओं के बीच सड़क पर जमा कीचड़ व जमा गंदे पानी से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को लेकर भी प्रशासनिक महकमा की कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है. जबकि उनके भी वाहन इस बीमार सड़क से होकर गुजरती है. आश्चर्य तो इस बात का है कि तमाम राजनैतिक चैहरे भी बेहद जरूरी कार्यो को लेकर गंभीरता नहीं दिखाते है.

बैठकों का अभाव
प्रखंड स्तर पर जनोपयोगी कार्यो को लेकर बैठकों का दौर नहीं होता है. पंचायत समिति की बैठकें हुए लंबा समय बीत गया. बैठकें कभी हुई भी तो ऐसे बेहद जरूरी कार्यो की चर्चा गौन हो जाती है. जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासन तक आने वाले जरूरी कार्यो को किसी ना किसी मजबूरी के बहाने टाला जाता है. स्पष्ट हैं कि प्रशासन के पास इन अनिवार्य विकास कार्यो को संपादित करने में वरीयता दी जाय और जरूरी कार्यो को कैसे निष्पादित करें इसको लेकर शायद ही कभी ग्रामीणों के साथ बैठक की जाती है.
ग्रामीणों ने किया समझौता
समस्याओं से लड़ते-लड़ते आम लोग अब थक हुए प्रतीत होते है. माना जा सकता है कि ये आम आदमी समस्याओं और प्रशासन की कुव्यवस्था के साथ समझौता कर लिया है. जितने भी आंदोलन, मांग और प्रदर्शन हो रहे है. निजी मांगों को लेकर सार्वजनिक समस्याओं को सिर्फ प्रशासन के जिम्मे सौंप दिया गया है.
परंतु किसी भी स्थल के विकास की बात तभी पूरी हो सकती है जब उसकी सड़के अच्छी हो और वहां विकास कार्य योजनाबद्ध पूरा किया जाय. बहरहाल इस बरसात में भी प्रखंड वासियों को सड़क के नारकीय स्थिति से छुटकारा मिलता प्रतीत नहीं हो रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें