जमुई : शहर वासियों के लिए धीरे-धीरे जाम की समस्या नासूर बनती चली जा रही है. शहर में कोई ट्रैफिक व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग रोज-रोज घंटों जाम से जुझते नजर आते हैं.
लोगों की माने तो बाजार की सड़कें संकरी होने के कारण और बड़े वाहनों का प्रवेश हो जाने के कारण अक्सर जाम लगता है. जाम का मूल कारण बाजार में खुदरा सब्जी व फल विक्रेताओं द्वारा आड़े तिरछे सड़क किनारे ठेला खड़ा करना व लोगों द्वारा सड़क किनारे जैसे तैसे दोपहिया वाहन खड़ा कर दिया जाना है.
इससे निजात के लिए जमुई चैंबर ऑफ कॉमर्स और कई अन्य संगठनों द्वारा जिला प्रशासन को लिखित आवेदन भी दिया गया. लेकिन स्थिति आज तक जस की तस बनी हुई है.
कहां-कहां लगता है जाम. प्रत्येक दिन महाराजगंज, महिसौड़ी चौक, अस्पताल रोड, खैरा मोड़, कचहरी चौक, वीर कुंवर सिंह चौक आदि जगहों पर घंटों जाम लग जाता है और लोग जाम में फंसे रहने को विवश रहते हैं.
क्या है जाम लगने की मुख्य वजह. शहर वासियों की मानें तो बाजार क्षेत्र व उसके आसपास दोपहिया तथा छोटे चारपहिया वाहनों के पार्किग की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से भी जाम लगता है. ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था नहीं होने के कारण भी बाजार में बड़े वाहन किसी भी समय प्रवेश कर जाते हैं. जिससे जाम लग जाता है. जाम की एक अन्य वजह बायपास सड़क नहीं होना भी है.
जाम से क्या हो सकती है परेशानी. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार सिन्हा की मानें तो जाम के दौरान वाहनों के निकलने वाले धुएं से आंखों और फेंफड़ों जलन, अनिद्रा, घबराहट आदि की शिकायत हो सकती है. वहीं वाहनों के हॉर्न के आवाज से बहरापन की शिकायत भी हो सकती है.
कहते हैं जिलाधिकारी
इस बाबत जिलाधिकारी डॉ कौशल किशोर ने बताया कि शहर वासियों को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए 20 अगस्त को सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों, नगर परिषद के पदाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है. बैठक में जाम की समस्या से निजात के लिए कई आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे.