जमुई: जैसे-जैसे ज्येष्ठ की गरमी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. वैसे-वैसे लोगों के बीच पेयजल की समस्या उत्पन्न होनी शुरू हो गयी है. इस भीषण गरमी में जिले के बरहट, खैरा, सिकंदरा, सोनो, झाझा आदि प्रखंडों में नदी किनारे रहने वाले लोगों को पेयजल के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. गरमी में घर की महिलाएं और बच्चे सुबह में अपना सारा कामकाज छोड़ कर घर से एक-डेढ़ किलोमीटर दूर सुखी नदी में गड्ढा खोद कर पानी लाने को विवश है.
हालांकि जिले के लोगों की जीवन रेखा मानी जानी वाली दर्जनों नदियां सुख कर मैदान का रूप ले चुकी है. इसके कारण लोगों को अहले सुबह की शुद्ध पेयजल के खोज में अपने-अपने घरों से दूर स्थित कुंआ और चापाकल से पानी लाने के लिए निकल जाना पड़ता है.
कई गांव के लोग तो इस भीषण गरमी में तालाब, पोखर, झरना आदि का भी पानी पीने को विवश है. कुछ जगहों पर तो लोगों को शुद्ध पेयजल के लिए दो-तीन किलोमीटर तक की दूरी भी तय करनी पड़ रही है. कई जगह पर तो लोग घटते जल स्तर से भी परेशान हैं क्योंकि जल स्तर घटने के वजह से चापाकल ने भी पर्याप्त पानी देना बंद कर दिया है.