बरामद मुंशी ने बताया कि अपराधियों ने मेरी आंख पर पट्टी बांध कर लगभग ढाई घंटे तक पैदल चलने के बाद जब पहाड़ी के पास पहुंचे तो वहां पहले से कई और लोग मौजूद थे. वे लोग अपने मोबाइल से किसी लड़की आदि से गंदा-गंदा बात कर रहे थे और बीड़ी भी पी रहे थे. रात होने पर अपरधियों ने मुङो एक मिट्टी के घर में बंद कर दिया था. सुबह होने पर जब मैं शौच जाने का इच्छा जताया तो उनलोगों ने कहा कि कहीं नहीं जाना है. इसके उपरांत चाय व खाना भी दिया.
इसी बीच किसी व्यक्ति का फोन आया कि आठ बजे रात में इसे छोड़ देना है. शाम में तेज बारिश होने लगी. जिसके चलते मुङो लगभग तीन बजे सुबह काबर पथ पर अपराधियों ने छोड़ दिया. वहीं पुलिस के समक्ष शनिवार को खुलासा करते हुए पुलिया निर्माण कार्य में लगे सह संवेदक योगेंद्र लाल वर्णवाल ने बताया कि 23 अप्रैल को दस बजे दिन में अपहरणकर्ताओं का फोन आया कि दो माह पूर्व मुंशी पिंटू से पैसे देने की बात की थी क्यों नहीं दिया. पैसा दो वरना अंजाम बुरा होगा. लगभग बीस बार फोन आया होगा. मैंने साफ कह दिया कि मेरे पास पैसा नहीं है. मुंशी बरामदगी के बाबत पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय ने बताया कि पुलिस दबिश के कारण मुंशी को अपहरणकर्ताओं ने मुक्त किया है. घटना में संलिप्त अपराधियों की पहचान कर ली गयी है जल्द ही गिरफ्तार किया जायेगा.