17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

..तो नहीं बचेंगे व्यवसायी

बड़हिया : 18वीं शताब्दी से गुलजार बड़हिया बाजार 21 वीं शताब्दी में अपराधियों के तांडव और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण बेनूर होता जा रहा है. व्यापारी पलायन कर रहे हैं. 1985 के बाद अपराधियों द्वारा रंगदारी वसूलने की प्रवृत्ति बढ़ी. रंगदारी नहीं देने पर चर्चित व्यापारियों की गोली मार कर हत्या की जाने लगी. […]

बड़हिया : 18वीं शताब्दी से गुलजार बड़हिया बाजार 21 वीं शताब्दी में अपराधियों के तांडव और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण बेनूर होता जा रहा है. व्यापारी पलायन कर रहे हैं. 1985 के बाद अपराधियों द्वारा रंगदारी वसूलने की प्रवृत्ति बढ़ी. रंगदारी नहीं देने पर चर्चित व्यापारियों की गोली मार कर हत्या की जाने लगी. इस वजह से व्यापारी बाजार छोड़ कर जाने लगे हैं. बड़हिया बाजार में वह खुशी नहीं दिखती. व्यवसायियों के चेहरे बेरंग होते जा रहे हैं.
16वीं सदी में ही बड़हिया आकर बसे थे व्यवसायी : 16वीं शताब्दी में राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में पड़े भीषण अकाल से त्रस्त मारवाड़ी समाज का बड़ा जत्था दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार आया. जलमार्ग से जोड़ने वाले संधि स्थल पर स्थित बड़हिया ग्राम में रोजगार की तलाश में प्रवास करने लगा. दक्षिण बिहार की पहाड़ी से निकलने वाली 15 नदियां बड़हिया टाल क्षेत्र में प्रवेश कर गंगा नदी में मिल जाती थी. टाल क्षेत्र में जमा पानी दक्षिण बिहार तक फैला रहता था. गंगा से जुड़े होने के कारण बड़हिया के रास्ते उत्तर बिहार से मालवाहक नौका दक्षिण बिहार के व्यापार केंद्रों तक जाती थी. दियारा की उपजाऊ मिट्टी में लाल मिर्च, मक्का, अंडी की भरपूर पैदावार होती थी. 1064 वर्गमील में फैले टाल क्षेत्र में चना, मसूर आदि दलहन की भरपूर फसल होती थी. अकाल से त्रस्त मारवाड़ी समाज के लोग लोटा और रस्सी लेकर आये थे, मगर व्यापार की कला से वे यहीं बस कर समृद्ध होने लगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें