वैसे पिछले वर्ष अप्रैल महीने तक धान की खरीद की गयी थी. उसी के अनुसार धान क्रय में लगे कर्मी भी उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार द्वारा अधिप्राप्ति की सीमा को बढ़ाया जा सकता है. वैसे अभी तक इस दिशा में अधिकारिक सूचना विभाग को प्राप्त नहीं हुई है.
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लक्ष्य से आधी भी नहीं हुई खरीद
लखीसराय: धान अधिप्राप्ति की सरकारी सीमा समाप्त होने में अब मात्र 11 दिन शेष बचे हैं लेकिन अभी तक लक्ष्य के अनुरूप आधी धान की भी खरीद नहीं हो पायी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शनिवार तक 9829 मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो सकी है. जब कि 26 हजार मीट्रिक टन धान की […]
लखीसराय: धान अधिप्राप्ति की सरकारी सीमा समाप्त होने में अब मात्र 11 दिन शेष बचे हैं लेकिन अभी तक लक्ष्य के अनुरूप आधी धान की भी खरीद नहीं हो पायी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शनिवार तक 9829 मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो सकी है. जब कि 26 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद का जिले में लक्ष्य रखा गया था. सोमवार तक अधिकारिक सूचना के अनुसार 28 फरवरी तक ही धान की खरीद की जायेगी.
दो जनवरी से हो रही धान की खरीद : जिले में धान की खरीद दो जनवरी से की जा रही है. सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार 25 नवंबर से ही धान की खरीद की जानी थी, लेकिन विभागीय कारणों से इसकी खरीद दो जनवरी से शुरू की गयी. इसके लिए जिले में पहले सात क्रय केंद्र बनाये गये थे. लेकिन बाद में इसकी संख्या बढ़ायी गयी. सूत्रों के अनुसार अब लगभग दस जगहों पर धान अधिप्राप्ति का कार्य किया जा रहा है.
कहते हैं अधिकारी
राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि अभी तक 9829 एमटी धान की खरीद की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर 28 फरवरी तक धान खरीद करने का दिशा निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अप्रैल महीने तक धान की खरीद की गयी थी.
किसानों को किया जाता है परेशान
जिले में किसानों को प्रति क्ंिवटल सरकारी दर से 1360 रुपये के साथ 300 रुपये बोनस दिये जाने का प्रावधान किया गया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो किसानों को इसका वास्तविक मूल्य नहीं मिल पा रहा है. धान अधिप्राप्ति में बिचौलियों के हावी होने से किसानों को अपनी धान बेचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सूत्रों की माने तों किसानों को धान अधिप्राप्ति केंद्र पर कभी नमी का बहाना बना कर तो कभी कई दिनों तक धान खरीद के लिए इंतजार करवा कर परेशान किया जाता रहा है. जिससे तंग आकर कई किसान बिचौलियों के माध्यम से ही औने पौने भाव में धान बेच कर अपनी पूंजी छुड़ाने को मजबूर हुए. इसी बात को लेकर विगत 15 जनवरी को टाउन थाना क्षेत्र के दामोदरपुर स्थित धान क्रय केंद्र मेसर्स कुमार एग्रो मिल्स प्राइवेट लिमिटेड में किसानों ने हंगामा भी किया था. तीन दिन बाद उसी धान क्रय केंद्र पर रामगढ़ प्रखंड के औरे गांव के किसानों के साथ मारपीट की भी घटना हुई थी. जिसके फलस्वरूप ग्रामीणों ने औरे गांव के पास लखीसराय-शेखपुरा मार्ग को जाम कर दिया था.
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