35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुरक्षा के इंतजाम पर भारी पड़ा जनसैलाब

पूर्व विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव की शव यात्रा में उमड़े लोग जैसे ही स्व यादव का पार्थिव शरीर कार्यक्रम स्थल पर लाया गया लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, तमाम प्रशासनिक अपील व सुरक्षा इंतजाम दरकिनार हो गये सोनो : गुरुवार को भाजपा के दिवंगत नेता फाल्गुनी प्रसाद यादव के चकाई स्थित महाविद्यालय परिसर में आयोजित […]

पूर्व विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव की शव यात्रा में उमड़े लोग
जैसे ही स्व यादव का पार्थिव शरीर कार्यक्रम स्थल पर लाया गया लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, तमाम प्रशासनिक अपील व सुरक्षा इंतजाम दरकिनार हो गये
सोनो : गुरुवार को भाजपा के दिवंगत नेता फाल्गुनी प्रसाद यादव के चकाई स्थित महाविद्यालय परिसर में आयोजित अंतिम दर्शन व अंतिम संस्कार कार्यक्रम के दौरान सुरक्षाके पुख्ता इंतजाम थे. चकाई जाने वाले रास्ते में बटिया घाटी में सीआरपीएफ के जवान जगह-जगह मौजूद थे.
इस लंबे घाटी में डॉग स्क्वॉयड की टीम भी तैनात थी. कार्यक्रम स्थल पर मेटल डिटेक्टर सहित तमाम व्यवस्था की गयी थी. भीड़ को रोकने के लिए बांस का घेरा भी लगाया गया था, पर उमड़ते आंसुओं के बीच हिलकोरें लेती भावना सुरक्षा पर भारी पड़ा और जैसे ही स्व यादव का पार्थिव शरीर कार्यक्रम स्थल पर लाया गया लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. तमाम प्रशासनिक अपील व सुरक्षा इंतजाम दरकिनार हो गये थे.
पदाधिकारियों ने भी लोगों के आहत मन को समझा और सख्ती न दिखाते हुए भीड़ को हटाने का अनुरोध किया. यहां तक की मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व अन्य मंत्रीग के आगमन पर भी स्थिति वैसी ही रही. भावनात्मक क्षण को समझते हुए भीड़ के बीच ही मुख्यमंत्री व मंत्रीगण ने चिता स्थल पर जाकर पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया. मौके पर तमाम प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
साथियों पर भी दिखी निधन की पीड़ा : भाजपा के वरीय नेता सह पूर्व विधायक फाल्गुनी यादव बचपन से ही कुशाग्र बुद्घि के धनी थे. उनकी स्कूली शिक्षा 50 के दशक में चकाई में प्रारंभ हुई थी. उन्होंने एसके हाई स्कूल चकाई से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी तथा उच्च शिक्षा के लिए देवघर चले गये थे. इसके उपरांत उन्होंने देवघर कॉलेज से स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की थी.
उनके करीबी बताते हैं कि गरीब किसान परिवार से होने के कारण अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए वे देवघर में ट्यूशन करते थे. उनके बचपन के करीबी मित्र सीताराम पांडेय, पांचू मियां, भोलानाथ सहाय, रामेश्वर राय आदि ने बताया कि यादव बचपन से ही मेधावी तथा सरल स्वभाव के थे.
दोस्त कहते थे फगुआ
उन्हें अपने साथियों से कभी कोई शिकायत नहीं रहती थी तथा सभी लोग उन्हें प्यार से फगुआ भी कह कर बुलाते थे. बचपन से ही शिक्षा के प्रति उनका खास लगाव था. जिससे प्रेरित होकर उन्होंने चकाई में 1981 में कॉलेज की स्थापना की थी. वे धुन के भी पक्के थे, जो एक बार ठान लेते थे.
उसे पूरा करके ही दम लेते थे. उनका जन्म एक मार्च 1943 को चकाई के बटपार गांव के एक गरीब परिवार में हुआ था तथा उनके पिता का नाम गुरु सहाय महतो था. अपनी लगन व मेहनत से वे जन-जन के चहेता बने तथा चार बार चकाई विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया. साथ ही 1998 में बिहार विधानसभा प्राक्कलन समिति के चेयरमैन बने तथा पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का अधिकांश समय चकाई को अनुमंडल बनवाने हेतु संघर्ष में बिता दिया. वे अक्सर अपनी सभा के दौरान कहा करते थे कि हे भगवान मुङो तब तक जीवित रखना जब तक मैं चकाई को अनुमंडल ना बनवा दूं.
भगवान ने उनकी सुन ली. चकाई को अनुमंडल बनाने हेतु लाये गये प्रस्ताव का सुखद समाचार सुन उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. खैरा प्रतिनिधि के अनुसार, चकाई के पूर्व विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव के आकस्मिक निधन पर विभिन्न राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.
भाजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष दिलीप सिंह, संतोष कुमार पप्पू, कुंदन सिंह, जदयू के शंकर पासवान, राजेंद्र सिंह, सियाराम मंडल, वीरो यादव, पंकज पासवान के अलावे पूर्व प्रमुख प्रभु यादव, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष बनारसी यादव आदि ने शोक व्यक्त किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें