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हाल मुख्यमंत्री सम्बल योजना का

राज्य सरकार से हर वर्ष उपलब्ध कराये जाते हैं दो से ढाई लाख रुपये जमुई : राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों को सहाय्य उपकरण उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री संबल योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण 2014 से लेकर अभी तक मात्र सामाजिक सुरक्षा कोषांग […]

राज्य सरकार से हर वर्ष उपलब्ध कराये जाते हैं दो से ढाई लाख रुपये

जमुई : राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगों को सहाय्य उपकरण उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री संबल योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण 2014 से लेकर अभी तक मात्र सामाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा इस योजना के तहत 211 लोगों को ही इस योजना का लाभ दिया गया है. इतने कम लोगों को इस योजना का लाभ मिलना कहीं ना कहीं विभागीय अधिकारियों की शिथिलता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है. दिव्यांग कोटि के इतने कम लोगों को इस योजना का लाभ मिलने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के कारण बहुत सारे दिव्यांग लोगों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. वहीं दूसरी और कर्मियों की मानें तो इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष बहुत ही कम राशि उपलब्ध करायी जाती है. इसके कारण अधिक लोगों को इस योजना का लाभ देना संभव नहीं है. इस राशि में अधिक से अधिक ट्राइ साइकिल, वैशाखी या व्हीलचेयर की खरीद कर पाना संभव नहीं है. पूर्व में यह योजना मुख्यमंत्री सामर्थ्य योजना के नाम से संचालित होती थी. लेकिन राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री संबल योजना कर दिया गया है.
40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति को मिलता है योजना का लाभ
संबल योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी दिव्यांग व्यक्ति को चालीस प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग होने का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ ही जमा करना पड़ता है. साथ ही उस व्यक्ति की वार्षिक आय एक लाख के अंदर होनी चाहिए और वह इस जिले का स्थाई निवासी होना चाहिए. इस योजना के तहत ट्राइ साइकिल, वैशाखी या व्हीलचेयर लोगों को प्रदान किया जाता है.
एससी-एसटी से जुड़े मामलों का ससमय होगा निष्पादन
बिना लाइसेंस बालू स्टॉक करने पर करें कार्रवाई
एसपी ने कहा कि सरकार के निर्देशानुसार एक जुलाई से सभी बालू घाट से बालू का उठाव बंद कर दिया गया है. अगर किसी व्यक्ति के द्वारा घाट से बालू उठाव करने का प्रयास किया जाता है तो उनके खिलाफ समुचित कार्रवाई करें. किसी व्यक्ति के द्वारा बिना लाइसेंस के बालू को स्टॉक करके उसका बिक्री किया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें. जिन व्यक्ति को खनन विभाग के द्वारा बालू स्टॉक करने का लाइसेंस दिया गया है. अगर उनके द्वारा बालू की बिक्री की जाती है तो उस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करनी है. मौके पर दर्जनों पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.

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