जमुई : स्थानीय विशेष भू अर्जन कार्यालय में कर्मियों के कुल सृजित 75 पद में से 41 पद खाली पड़े हुए हैं. इसके कारण ससमय कार्यों के निष्पादन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कर्मियों की कमी के कारण न केवल कार्यों के निष्पादन में विलंब होता है, बल्कि जमीन अधिग्रहण के पश्चात लोगों को सही समय पर क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान भी नहीं हो पाता है. कर्मियों के कमी के कारण विभाग का आंतरिक कार्य भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है.
जानकारी के अनुसार वर्ष 1992 में कार्यालय की स्थापना हुई थी. स्थापना के 27 वर्ष बाद भी विभाग को अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है. कर्मियों की मानें, तो कार्यालय में प्रधान लिपिक सह लेखापाल, वरीय लेखा लिपिक, द्वितीय लिपिक सह रोकड़ पाल के एक-एक पद, लिपिक और टंकक का एक पद, पाटलिक के दो पद, प्रारुपकार के दो पद, परिमापक के चार पद, मापक के सात पद, दफ्तरी का एक पद, कोष रक्षक, आदेश पाल व आदेशिका के एक-एक पद और जंजीरवाहक के सोलह पद खाली हैं.
जमुई कार्यालय के अधीन लखीसराय, शेखपुरा व नालंदा जिले भी आते हैं और इसी कार्यालय के माध्यम से इन जिलों के भू अर्जन से संबंधित कार्यों का निष्पादन भी होता है. पर, कार्यों के ससमय निबटारे में कहीं न कहीं कर्मियों की कमी बहुत बड़ी बाधा बनी हुई है. कार्यालय में कंप्यूटर आॅपरेटर की व्यवस्था नहीं रहने के कारण कंप्यूटर से जुड़े कई कार्य नहीं हो पा रहे हैं. कर्मियों ने बताया कि इन कार्यों के निष्पादन में हमलोगों को दूसरी जगह व्यवस्था करनी पड़ती है.