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पटना में ठंड बढ़ते ही बढ़ गये दिल के मरीज, दो दिनों के दौरान अस्पताल पहुंचे हार्ट अटैक के 60 से अधिक मामले

पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और एम्स में लगभग 60 से अधिक मरीज भर्ती हुए है. वहीं राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में भी 75 से अधिक मरीज भर्ती होने की जानकारी मिली है. ये इनमें से कुछ इमरजेंसी और आइसीयू में भर्ती है.

पटना. सरकारी अस्पतालों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में पिछले दो दिनों में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ते ही भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ी है. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस और एम्स में लगभग 60 से अधिक मरीज भर्ती हुए है. वहीं राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में भी 75 से अधिक मरीज भर्ती होने की जानकारी मिली है. ये इनमें से कुछ इमरजेंसी और आइसीयू में भर्ती है. इसके कारण सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं. नये मरीजों को भर्ती कराने में परिजनों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है.

ठंड की वजह से सिकुड़ जाती है शरीर की रक्त वाहिकाएं

जेनरल फिजीशियन अमित कुमार ने बताया कि सर्दियों में हार्ट अटैक आने का खतरा इसलिए होता है क्योंकि ठंड की वजह से शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती है. इससे हार्ट की नसों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है और इस वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है. इसके कारण हार्ट अटैक आ जाता है.

ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी

न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डा. रूपम ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ी है. इसके कारण हर दिन बीपी और हार्ट अटैक के मरीजों की तेजी से बढ़ी है. इसमें 40 से 60 वर्ष तक के लोग शामिल हैं. मिली जानकारी के अनुसार आज सरकारी अस्पताल पीएमसीएच 23, आइजीआइएमएस 25 और एम्स में लगभग 12 से अधिक मरीज भर्ती हुए हैं.

ठंड में 31 प्रतिशत तक बढ़ जाता हार्ट अटैक का खतरा

डॉक्टरों का कहना है कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते हैं. जिस वजह से वो कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. इनसे बचाव के लिए हमें अपनी दिनचर्या में हेल्थी डाइट, योग, व्यायाम आदि को शामिल करना चाहिए. वहीं ठंड का मौसम दस्तक दे चुका है. सर्दियों में दिल के मरीजों को खास ध्यान देने की जरूरत होती है. दरअसल ठंड में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं. एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, जिन्हें पहले से दिल संबंधी बीमारियां होती हैं. सर्दियों में उनमें हार्ट अटैक का खतरा 31 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

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हृदय रोगियों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत

तापमान गिरते ही दिल के मरीज बढ़ने के मामले में डॉ जीवन ने कहा कि ठंड के मौसम में हृदय रोगियों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. ठंड के मौसम में लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, खासकर हृदय रोगी. सर्दी के मौसम में लोग कम पानी पीते हैं, जबकि आपको बॉडी की जरूरत के अनुसार पर्याप्त पानी पीना चाहिए. इसकी मात्रा ज्यादा भी नहीं होनी चाहिए. दिल के मरीजों को ठंड के मौसम में मॉर्निंग वॉक पर नहीं जाना चाहिए. इस मौसम में ज्यादा खाना न खाएं. संतुलित और पौष्टिक आहार लें.

ठंड के मौसम में नियमित व्यायाम हैं जरूरी

डॉ. जीवन ने कहा कि ठंड के मौसम में शरीर में विटामिन डी की कमी भी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन डी की टैबलेट ले सकते हैं. आपको नियमित व्यायाम या योग करना चाहिए, जिससे आपका शरीर फिट रहेगा और आप स्वस्थ रहेंगे. डॉ जीवन ने कहा कि बिहार खासकर पटना के लोग अपने शरीर के प्रति जागरूक नहीं हैं. साल में एक बार उन्हें अपना रूटीन चेकअप जरूर कराना चाहिए.

कोरोना के बाद बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा

इधर, वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों के हार्ट पर गहरा असर पड़ा है. संक्रमण के इलाज के बाद इनमें सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं. दिल के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है, जो लंबे समय तक दिख रहा है. यही वजह है कि कोरोना काल के बाद हार्ट अटैक के केस काफी ज्यादा बढ़े हैं. वहीं कम उम्र के लोगों को भी दिल का दौरा पड़ा है.

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