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केके पाठक ने बदल दी बिहार में ‘शिक्षा’ की सूरत, प्ले स्कूल की तरह दिखने लगे आंगनबाड़ी केंद्र

बिहार में अब तक ऐसे आधा दर्जन भवन बनकर तैयार हो गए हैं. 32 भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. मनरेगा योजना अंतर्गत विभिन्न पंचायत में आंगनबाड़ी बनाने का निर्देश विभाग की ओर से दिया गया है. इसी के तहत यह निर्माण किया जा रहा है.

पटना. बिहार में शिक्षा को लेकर कई प्रयोग हो रहे हैं. केके पाठक ने पूरे विभाग की कार्य संस्कृति ही बदल दी है. विभाग की कार्यसंस्कृति बदली तो शिक्षा की सूरत भी बदलने लगी है. विश्वविद्यालय से लेकर प्राथमिक स्कूल तक सभी जगह यह बदलाव देखने को मिल रहा है. अब आंगनबाड़ी केंद्रों की बदली सूरत भी लोगों को इस ओर आकर्षित कर रही है. केके पाठक के प्रयास से यहां के बच्चे भी अब स्मार्ट होंगे. आंगनबाड़ी के बच्चे अब खेल-खेल में पढ़ेंगे. आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए अत्याधुनिक और खूबसूरत भवन बनकर तैयार हो रहे हैं. ऐसा ही एक भवन भागलपुर में बना है, जो सबका ध्यान इस ओर खींच रहा है. यह आंगनबाड़ी केंद्र किसी निजी प्ले स्कूल की तरह नजर आता है. बिहार में अब तक ऐसे आधा दर्जन भवन बनकर तैयार हो गए हैं. 32 भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. मनरेगा योजना अंतर्गत विभिन्न पंचायत में आंगनबाड़ी बनाने का निर्देश विभाग की ओर से दिया गया है. इसी के तहत यह निर्माण किया जा रहा है. इसके आलोक में पूर्व में निर्णय लिया गया था कि बाला तकनीक के तहत मनरेगा अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा.

मॉडल के रूप में कदवा दियारा पंचायत में बन रहे दो आंगनबाड़ी केंद्रों का चयन

भागलपुर में पिछले दिनों हुई योजनाओं की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पाया कि आंगनबाड़ी को और बेहतर तरीके से बनाया जा सकता है. इसके आलोक में जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि सभी आंगनबाड़ी की समीक्षा कर उन्हें और बेहतर तरीके से बनाया जाए. उप विकास आयुक्त कुमार अनुराग द्वारा इस अभियान की समीक्षा की और 26 निर्माणाधीन आंगनबाड़ी को प्रोजेक्ट के तहत लिया गया. इसमें सबसे पहले नवगछिया प्रखंड अंतर्गत कदवा दियारा पंचायत में बन रहे दो आंगनबाड़ी का चयन किया गया. इन आंगनबाड़ी को माडल के तहत विकसित किया गया एवं इसका निर्माण कराया गया. इसी तर्ज पर बाकी सभी निर्माणाधीन आंगनबाड़ियों को भी बनाया जा रहा है.

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आकार से लेकर रंग तक बच्चों को देगी शिक्षा

उप विकास आयुक्त ने स्थानीय मीडिया से बाला तकनीक पर बात करते हुए कहा कि इस तकनीकके तहत भवन के प्रकार एवं रंग के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान करती है एवं अपनी ओर आकर्षित करती है, जैसा कि कई प्ले स्कूलों में होता है, उसी तर्ज पर आगे सभी आंगनबाड़ी का भी मनरेगा योजना अंतर्गत निर्माण कराया जाएगा. कदवा दियारा पंचायत के अलावा शाहकुंड एवं खरीक प्रखंड के भी दो-दो आंगनबाड़ियों को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है, जो अब अंतिम चरण पर है. आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है और सभी आंगनबाड़ी को स्थल एवं जगह के अनुसार विकसित किया जा रहा है. मनरेगा के सभी कार्यक्रम पदाधिकारी एवं अभियंताओं को भी कदवा दियारा का भ्रमण कराया गया है, ताकि वो इस मॉडल को अपनाकर अपने क्षेत्र में भी कार्य कर सके. इसके अतिरिक्त इस माडल के तर्ज पर सभी प्रखंडों को नए आंगनबाड़ी बनाने के लक्ष्य के अनुसार जमीन चिह्नित करने एवं निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया गया है.

पहले चरण के भवन तैयार, दूसरे चरण में 82 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे

अकेले भागलपुर जिले में पहले चरण में मनरेगा योजना अंतर्गत 45 आंगनबाड़ी केंद्र बनने थे, जो बनकर तैयार हो गये हैं. दूसरे चरण में 82 आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण होना है. 32 आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण शुरू हो गया है. 50 आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन चिह्नित की जा रही है. नवगछिया के कदवा दियारा में दो आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो गए हैं. इन दोनों आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण पर नौ-नौ लाख रुपये खर्च हुए हैं. गोराडीह प्रखंड के खुटाहा व मोहनपुर, इस्माइलपुर प्रखंड के इस्माइलपुर पूर्व भिट्ठा, शाहकुंड प्रखंड के हाजीपुर, खरीक प्रखंड के गोटखरीक, चोरहर व तेलघी में आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार हो गया है। यहां पेंटिंग का कार्य चल रहा है.

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