गोपालगंज : अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्करों के निशाने पर जिले के ऐतिहासिक मठ और मंदिर हैं. इनमें से कई मंदिरों की मूर्तियों की चोरी की जा चुकी है. चोरी के इन मामलों में किन-किन लोगों की संलिप्तता रही है, इसे भी खोज पाने में नाकामी की हाथ लगी है. इस गिरोह के सदस्यों को कई स्तरों पर पहले प्रशिक्षण, फिर घटना को अंजाम दिया जाता है. इसके बाद बाजार की तलाश की जाती है.
सूत्रों की मानें, तो मूर्ति चोरों के तार चाइना व थाइलैंड से जुड़े हैं. पुलिस सूत्र बताते हैं कि मूर्ति चोरी के मामलों में मंदिर के रखवाले और पुजारी से लेकर पुरातत्व के जानकारों तक एक लंबी कड़ी रहती है. एक ही मूर्ति को कई बार बेचा जाता है. हर किसी को अपना कमीशन से मतलब होता है.
मूर्तियों से जुड़ी हैं अंग-बंग की संस्कृति : जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से चोरी गयीं बेशकीमती प्राचीन मूर्तियों के पीछे अंग-बंग की संस्कृति जुड़ी हुई है. ऐसी मूर्तियों की लगातार हो रही चोरी से आस्था आहत हुई है. लोग इन मूर्तियों को अपने पूर्वजों की बड़ी देन मानते थे. लोग इन पुरानी मूर्तियों की पूजा-अर्चना भी अलग-अलग विधियों से करते थे, जो संस्कृति अंग-बंग से जुड़ी हुई थी.
अष्टधातु की मूर्तियों के अनसुलझे मामले : नगर थाना क्षेत्र के बंजारी स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर से जनवरी में दुर्लभ बेशकीमती मूर्ति चोरी चली गयी. पुलिस का अनुसंधान अपने हिसाब से चला. पुलिस सूत्रहीन करार देते हुए केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने की तैयारी में जुटी है. इस कांड में आजतक कोई भी सुराग नहीं मिला है.
चरखिया मठ की नहीं मिली करोड़ों की मूर्ति : विजयीपुर थाना क्षेत्र के चरखिया मठ से 15 जनवरी की रात में चोरों ने करोड़ों रुपये की मूर्ति की चोरी कर ली थी. पुलिस को लोगों का आक्रोश का सामना करना पड़ा था. काफी प्रयास के बाद भी पुलिस मूर्तियों को बरामद नहीं कर सकी.
कटेया मठ की अरबों की मूर्ति का नहीं मिला सुराग
एक दशक पहले कटेया स्थित वैष्णो मठ से अरबों रुपये की मूर्ति की चोरी हुई थी. मूर्ति चोरी की घटना से कई दिनों तक कटेया आंदोलित रहा. पुलिस ने यूपी से लेकर मध्य प्रदेश तक छापेमारी की. इस छापेमारी के बाद कुछ हाथ नहीं आया. इसी तरह कोरेया स्थित नाथ मंदिर से पिछले वर्ष करोड़ों की मूर्ति की चोरी हुई. इस थाना क्षेत्र के अन्य दोनों चोरी के मामले में भी पुलिस सूत्रहीन करार देकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी.
पुलिस अंतरराष्ट्रीय चोरों तक पहुंचने में विफल
चमनपुरा मंदिर से चोरी मूर्ति में पुलिस ने साधी चुप्पी
बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के चमनपुरा मंदिर से एक सौ करोड़ों के नीलम पत्थर की मूर्ति की चोरी हो गयी. वर्ष 2010 में चोरी की घटना में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पुलिस को चुप्पी साधनी पड़ी. हालांकि इस मामले में आज भी विश्व गुरु स्वामी उपेंद्र पराशरजी महाराज एवं विधायक मिथिलेश तिवारी आंदोलन की धमकी देते रहे हैं.
मठ की नहीं मिली मूर्ति
गोपालपुर थाना क्षेत्र के तारा नरहवा मठ से चोरी गयी भगवान की मूर्तियों का कोई सुराग नहीं मिला. पुलिस ने कुछ दिनों तक छापेमारी की. उसके बाद सूत्रहीन करार देकर केस को बंद कर दिया गया. ठीक इसी तरह कटेया के अमेया से हिरमती रानी की मूर्ति की चोरी की गयी. बरामद होने के बाद चोरों की नजर इस मूर्ति पर अब भी बनी हुई है.
क्या कहते हैं अधिकारी
चोरी गयी मूर्तियों की बरामदगी के लिए पुलिस काफी संवेदनशील है. पुलिस गैंग को भी चिह्नित करने में जुटी हुई है. मूर्तियों की चोरी की घटना के बाद मंदिरों की निगरानी बढ़ा दी गयी है.
मनोज कुमार, एसडीपीओ, गोपालगंज