गोपालगंज : बरौली अस्पताल में व्याप्त करप्शन और घोटाले में जांच का आदेश स्वास्थ्य विभाग ने दिया हैं. विभाग के संयुक्त सचिव शेखर चंद्र वर्मा ने डीएम राहुल कुमार को पत्र लिख कर पूरे प्रकरण में जांच कर अपने स्तर से आरोपों की स्पष्ट प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराने को कहा है. बता दें कि जदयू के पूर्व विधायक एवं प्रदेश महासचिव मंजीत सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से शिकायत दर्ज करायी थी कि बरौली अस्पताल के प्रभारी वर्ष 2009 से पदस्थापित हैं. सरकारी राशि का लूट और बंदरबांट करने के कारण कर्मी भी त्राहिमाम कर रहे हैं. बिजली बरौली अस्पताल में 15-20 घंटे रहने के बाद भी 18 घंटे जेनेरेटर चला कर 2.17 लाख रुपये का जाली पेट्रोल पंप से भुगतान लिया गया है.
जेनेरेटर ऑपरेटर से नहीं बल्कि एनएनम या स्वीपर से चलवाया जाता है. आयुष के डॉक्टरों को एलोपैथ की दवा नहीं लिखनी हैं. लेकिन, जबरन उनसे अपातकालीन सेवा ली जाती है. सिसई की महिला इलाज के लिए बरौली अस्पताल में पहुंची थी. डॉक्टर बिना सूचना के गायब थे. आयुर्वेद चिकित्सक संजय कुमार पांडेय मौजूद थे. अस्पताल में इलाज नहीं होने से महिला की मौत हो गयी. ग्रामीणों ने हंगामा किया. आक्रोश को शांत कराने में प्रशासन को मशकत करना पड़ा. डॉक्टर ममता प्रभारी के दुरव्यवहार के कारण अपना प्रतिनियोजन सदर अस्पताल में करा लिया. एएनएम, आशा, चतुर्थवर्गीय कर्मियों का स्थानांतरण तुरंत करना और पैसा लेकर स्थगित करने जैसा घृणित कार्य किया गया है. इस पूरे प्रकरण में अब जांच डीएम को करनी है.