अनदेखी सवा लाख बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़, हर माह 2.5 करोड़ की जरूरत
पिछले साल भी आधा-अधूरा आवंटन हुआ था प्राप्त, बाधित था पोषाहार
पोषाहार नहीं मिलने से केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति पर असर
केंद्रों पर कम संख्या में आ रहे बच्चे
गोपालगंज : जिले के 2411 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े 90.8 हजार बच्चों व 40 हजार गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ समाज कल्याण विभाग खिलवाड़ कर रहा है. इन बच्चों व महिलाओं को चार माह से पोषाहार नहीं दिया जा रहा है. इससे केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति काफी कम हो गयी है. बच्चों ने केंद्रों पर आना कम कर दिया है. दरअसल बच्चे कम-से-कम पोषाहार के लालच में केंद्रों पर आते थे. पर, जब पोषाहार व टीएचआर (टेक होम राशन) मिलना बंद हो गया, तो आना ही कम हो गया है. पोषाहार
देने का एक मात्र उद्देश्य बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराना है. यहां पोषाहार कौन कहे बननेवाले खाना तक बंद कर दिया गया है. सेविका व सहायिकाएं असहाय महसूस कर रही हैं. उनका कहना है कि चार माह से पैसा नहीं मिल रहा है, तो कहां से टीएचआर बांटा जाये. फरवरी के बाद से आवंटन नहीं आया है.
क्या है मामला
आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित करने के लिए 2.5 करोड़ रुपये की हर माह जरूरत है. इस रुपये से पोषाहार, टीएचआर, मानदेय व अन्य व्यवस्था की जाती है. समाज कल्याण विभाग ने 2015-16 में भी कम रकम मुहैया करायी थी, जिससे केंद्रों के माध्यम से तय सुविधाएं बच्चों व महिलाओं को नहीं मिल सकी थीं. नये वित्तीय वर्ष में एक फूटी कौड़ी भी विभाग ने नहीं दी है. ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन लगभग ठप पड़ गया है. बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र आते तो जरूर हैं, पर मायूस होकर चले जाते हैं.
आंगनबाड़ी केंद्रों की मुख्य सेवाएं
पूरक पोषाहार, स्कूल पूर्व शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य जांच, संदर्भ सेवाएं
पोषाहार का मेनू
सोमवार खिचड़ी
मंगलवार पुलाव
बुधवार खिचड़ी
गुरुवार सूजी का हलवा
शुक्रवार रसियाव
शनिवार खिचड़ी