लापरवाही. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ रहीं धज्जियां
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बिना प्रूफ एसिड की बिक्री
लापरवाही. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ रहीं धज्जियां गली-मुहल्ले में बिक रहा एसिड एसिड अटैक की बढ़ती घटना पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश गोपालगंज में लागू नहीं होता है. यहां तो गली और मुहल्ले में भी एसिड […]
गली-मुहल्ले में बिक रहा एसिड
एसिड अटैक की बढ़ती घटना पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 में एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश गोपालगंज में लागू नहीं होता है. यहां तो गली और मुहल्ले में भी एसिड आसानी से उपलब्ध हो रहा है.
गोपालगंज : यह खबर समाज को चिंता में डालनेवाली है. सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. कानून को कड़ा बनाया गया है. इसके बाद भी एसिड आसानी से उपलब्ध है.
एसिड (तेजाब) पर प्रतिबंध के बाद चार घटनाएं पूरी मानवता को कंपा देनेवाली हो चुकी है. प्रशासन को शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार है. इसके कारण तेजाब बेचनेवालों पर छूट दी गयी है. पुलिस की जानकारी में तेजाब की बिक्री हो रही है. फिर भी कार्रवाई सिफर है. शहर ही नहीं बल्कि कसबों और बाजारों में तेजाब आसानी से उपलब्ध है. तेजाब की बिक्री मोटर पार्ट्स की दुकान में बैटरी में डालने के नाम पर बेचा जाता है,
तो सोने -चांदी की दुकानों में तेजाब की आवश्यकता बता कर बेचा जाता है. खरीदनेवाले का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता, जिससे तेजाब पूरे समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है. हथियार की जगह तेजाब को ही अपना हथियार बनाया जा रहा है.
डीएम के आदेश पर बिकना है तेजाब : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तेजाब बेचने की प्रक्रिया को कड़ा कर दिया गया है. डीएम की सामान्य शाखा से तेजाब बेचने के लिए लाइसेंस लेना होता है.
इसे लाइसेंसधारी ही बेच सकता है. खरीदनेवाले की पूरी जानकारी (आइडी प्रूफ) लेने के बाद तेजाब दिया जायेगा. वह भी निर्धारित मात्रा में, ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके. बिक्री की पूरी जानकारी डीएम को उपलब्ध करानी होती है.
नियम-कानून का नहीं हो पा रहा पालन
बैटरी में उपयोग होनेवाले तेजाब घातक नहीं
ज्वेलरी में प्रयोग होनेवाले तेजाब गंभीर घातक
तेजाब को बेचने से पहले खरीदनेवाले का पूरा पता लेना होता है
तेजाब बेचनेवाले को गारंटी लेनी होती है कि दुरुपयोग न हो
आम आदमी के हाथों नहीं बेचना है तेजाब
जेवर बनानेवाले के लाइसेंस को देख कर देना है तेजाब
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
एसिड बिक्री की जानकारी मुझे नहीं है. अगर एसिड अटैक के मामले में किसी तरह के केस पेंडिंग हैं, तो तत्काल उस पर कार्रवाई होगी.
रविरंजन कुमार, एसपी, गोपालगंज
50 हजार से चार लाख तक का है मुआवजा
तेजाब पीड़ित को पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर 50 हजार से चार लाख तक का मुआवजा दिलाने का प्रावधान है. इसलिए इंज्यूरी के आधार पर पीड़ित को पुलिस मेडिकल टीम की अनुशंसा के अनुरूप कोर्ट तय करता है कि कितनी राशि मुआवजे के रूप में दी जाये.
केस 1. फरवरी, 2016 में मीरगंज थाना क्षेत्र के सवरेजी गांव में बाइक पर लिफ्ट लेने से मना करने पर युवती को उसी गांव के सिरफिरे युवक ने चेहरे पर तेजाब से हमला कर दिया. इसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गयी. महीनों इलाज के बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई. युवती के परिजनों को आज तक मुआवजा नहीं मिला.
केस 2. अक्तूबर, 2015 में मीरगंज के चिकटोली में युवती पर एक युवक ने एसिड फेक दिया, जिससे युवती महीनों जीवन मौत से जूझती रही. युवती का इलाज अब भी पटना में कराया जा रहा है.
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