अनदेखी : दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद फाइलों में दब गया सुरक्षा का आदेश, थानों को किया गया था अलर्ट खौफ के बीच काम कर रहीं निर्माण एजेंसियां नक्सलियों की बढ़ती चहलकदमी के बाद थानों को किया गया है अलर्ट निर्माण कंपनियों के बेस कैंप से लेकर कार्य स्थल पर देनी थी सुरक्षा अधिकारियों के निरीक्षण पर भी नहीं हुआ सुरक्षा का इंतजाम निर्माण कंपनियों पर लेवी के लिए कई बार हो चुके हैं नक्सली हमलेनक्सलग्रस्त इलाके में काम कर रही निर्माण एजेंसियों की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश बिहार के पुलिस महानिदेशक ने दिया है. दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद पुलिस को अलर्ट किया गया. बावजूद इसके गोपालगंज में निर्माण एजेंसियों की सुरक्षा कागज तक सिमट कर रह गयी है. सुरक्षा नहीं मिलने के कारण यहां निर्माण एजेंसियां खौफ के बीच काम कर रही हैं. पुंज लॉयड निर्माण कंपनी, वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन और एसपी शिमला कंपनी गोपालगंज में सेतु और एनएच 28 का काम करा रही हैं. प्रभात खबर टोली, गोपालगंज दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद भी जिले में काम करा रही निर्माण एजेंसियों को सुरक्षा मुहैया नहीं करायी गयी है. निर्माण एजेंसियां दहशत के साये में काम करा रही हैं. सरकार ने निर्माण एजेंसियों की सुरक्षा के प्रति पुलिस महकमे को हाइ अलर्ट किया है. निर्माण एजेंसी में काम करनेवालों में खौफ देखा जा रहा है. उनकी सुरक्षा के नाम पर स्थानीय थाने से महीने में एकाध बार गश्ती दल बेस कैंप की तरफ नजर आता है. जिले में पांच बड़े प्रोजेक्ट पर बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं. काम करनेवाले अधिकारी से लेकर मजदूर तक में खौफ है. खास कर गंडक नदी में महासेतु निर्माण में लगी एजेंसी को नक्सली संगठन से खतरा है. पूर्व में लेवी के लिए यहां भी कैंप पर हमला और सुपरवाइजर तथा चालक की हत्या हो चुकी है. फोटो न. 23, 24, 25बेस कैंप पर सुरक्षा, निर्माण स्थल पर खौफ गोपालगंज-बेतिया को जोड़नेवाले जादोपुर में बन रहे सेतु पर वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी पर लेवी को लेकर हमला हो चुका है. सुपरवाइजर और चालक की हत्या संतोष झा का गिरोह ने किया था. इसके बाद से यहां 10 सैप के जवानों को तैनात किया गया. हालत यह है कि बेस कैंप पर सुरक्षा बल तैनात हैं. निर्माण स्थल पर किसी तरह की सुरक्षा नहीं है. इंजीनियर से लेकर मजदूर तक दहशत में काम कर रहे हैं. गंडक पर बन सेतु का निर्माण कार्य पूरा होने के कगार पर है. दोनों तरफ से बगैर जांच के लोगों का आना-जाना लगा है. बेस कैंप के बाहर विनोद कुमार तैनात हैं. उनके पास न तो मोबाइल है और न ही वायरलेस. किसी तरह की घटना होने पर सूचना देने का तंत्र नहीं है. कंपनी में कार्यरत एक्सेस ऑपरेटर नंदन मिश्रा सेतु पर कार्य करते मिला. कर्मी ने बताया कि शाम होते ही निर्माण कार्य को बंद कर दिया जाता है. ठंड के मौसम में कुहरे के कारण और दहशत रहती है.फोटो न. 28निजी गार्ड पर सुरक्षा की जिम्मेवारी इस्ट एंड वेस्ट कोरिडोर एनएच 28 के निर्माण कार्य में लगी गुड़गांव की पुंज लॉयड कंपनी को बेस कैंप के लिए भी सुरक्षा प्रशासन से नहीं मिली. निजी सुरक्षा गार्ड के भरोसे बेस कैंप में कर्मी और अभियंता हैं. यह निर्माण कंपनी कुचायकोट से मिर्जापुर तक 48 किलोमीटर हाइवे का निर्माण करा रही है. कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रत्नेश भूषण ने बताया कि बेस कैंप में सुरक्षा की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इसलिए निजी गार्ड रख कर काम चलाया जाता है. कार्य स्थल पर सुरक्षा जरूरी है. प्रशासन से मांग भी की गयी है. अभियंता और कर्मी असुरक्षित महसूस करते हैं. कंपनी में अभियंता समेत दो सौ से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. फोटो न. 26, 27नक्सली हमले के बाद भी सुरक्षा नहीं बढ़ी बैकुंठपुर के दियारा इलाके मे गंडक नदी पर सत्तर घाट पर सेतु का निर्माण कार्य चल रहा है. सेतु से इस पार गोपालगंज तो पूरब दिशा में मोतिहारी का इलाका पड़ता है. हैदराबाद की वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी इस प्रोजेक्ट को तैयार कर रही है. अभियंता समेत दो सौ कर्मी सेतु के निर्माण कार्य में लगे हैं. वर्ष 2013 में लेवी के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी के दर्जनों वाहनों को नक्सलियों ने जला दिया था. इसके बाद प्रशासन ने सैप के 12 जवानों को बेस कैंप की सुरक्षा में तैनात किया, जबकि कार्य स्थल पर जवानों की तैनाती के लिए आश्वासन मिला था. अब स्थिति यह है कि कार्य स्थल पर बगैर सुरक्षा बल के काम चल रहा है. सेतु के निर्माण कार्य में लगे मजदूर और अभियंता खौफ में काम करने को विवश हैं. ये कंपनियां गोपालगंज में कर रहीं काम कंपनी का नाम निर्माण कार्य पुंज लॉयड कंपनी एनएच – 28वशिष्ठा कंपनी गोपालगंज-बेतिया महासेतु वशिष्ठा कंपनी सत्तर घाट महासेतु एसपी शिमला कंपनी बंगरा घाट कब-कब हुआ नक्सली हमला – 26 जून, 2012 को वशिष्ठा कंपनी के दो कर्मियों की जादोपुर में हत्या -29 अप्रैल, 2013 को बंगरा घाट में पुल निर्माण कंपनी से मांगी गयी लेवी -05 सितंबर, 2013 को बैकुंठपुर के मीरा टोला में दो लोगों की हत्या -29 दिसंबर, 2013 को लेवी के लिए वशिष्ठा कंपनी के बेस कैंप पर हमला फ्लैश बैक संतोष झा का गिरोह ने लेवी के लिए की थी सुपरवाइजर व चालक की हत्या नक्सली संगठन से अलग होने के बाद दो करोड़ की लेवी जादोपुर के मंगलपुर में बेतिया-गोपालगंज सेतु के निर्माण कार्य में लगी हैदराबाद की वशिष्ठा कंपनी के सुपरवाइजर बेतिया निवासी सुमित चौबे व टेंगराही के चालक ब्यासदेव यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद एक साल तक कंपनी के कर्मियों ने निर्माण कार्य को बंद कर दिया था.क्या कहते हैं डीआइजी सदर एसडीपीओ को निर्माण एजेंसियों का निरीक्षण कर सुरक्षा का जायजा लेने का निर्देश दिया गया है. जिस कंपनी को जितनी सुरक्षा बल चाहिए, मुहैया कराने को कहा गया है. अगर सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बरती जाती है, तो दोषी अधिकारी पर सीधे कार्रवाई की जायेगी. अजीत कुमार राव, डीआइजी, सारण
खौफ के बीच काम कर रहीं नर्मिाण एजेंसियां
अनदेखी : दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या के बाद फाइलों में दब गया सुरक्षा का आदेश, थानों को किया गया था अलर्ट खौफ के बीच काम कर रहीं निर्माण एजेंसियां नक्सलियों की बढ़ती चहलकदमी के बाद थानों को किया गया है अलर्ट निर्माण कंपनियों के बेस कैंप से लेकर कार्य स्थल पर देनी थी […]
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