गोपालगंज : दिन के 11:00 बजे, शहर की सड़कों पर मेला-सा नजारा है. गाड़ियों की सीटी बज रही है. हर कोई जल्दी निकलने के लिए बेताब है. पैदल हो या बाइक सवार, रिक्शावाला हो या बड़ा वाहन सभी की रफ्तार रुकी हुई है. यह नजारा था गुरुवार को, जहां महाजाम ने एक बार फिर शहर की रफ्तार पर विराम लगा दिया.
गौरतलब है कि शहर में विगत एक साल से जाम का पर्याय बना हुआ है. गुरुवार को एक बार फिर जाम ने शहरवासियों को अपना रंग दिखाया. इस दिन जाम कुछ ऐसा रहा कि पग-पग चलने के लिए लोग इंतजार करते रहे. चिराई घर से लेकर आंबेडकर चौक तक, पोस्ट ऑफिस मोड़ से हास्पिटल मोड़ तक, पुरानी रोड़, स्टेशन रोड हर जगह जाम की जद में रहा. यह नजारा तीन बजे तक बना रहा. जाम से निबटने के लिए पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था नाकाम रही.
क्यों लगता है जाम सड़क का 50 फीसदी हिस्सा पर है अवैध अतिक्रमण सड़कों पर होती है पार्किंगडेढ़ दर्जन से अधिक अवैध पार्किंग सड़क पर चौराहे पर नहीं होता है ट्रैफिक नियम का पालन जामवाले क्षेत्र में नहीं है ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था जाम से निबटने के लिए प्रशासन ने कभी भी नहीं किया सार्थक प्रयास क्या कहते हैं अनुमंडलाधिकारी जाम की समस्या के निराकरण के लिए आज बैठक करनी थी.
तकनीकी कारणों से बैठक नहीं हुई. जल्द ही बैठक कर रणनीति बनायी जायेगी. जाम की समस्या से छूटकारा पाने के लिए अभियान चलाया जायेगा.मृत्युंजय कुमारएसडीओ, गोपालगंज