गोपालगंज : गुरुजी अब तो मान जाइए. हमारा क्या दोष है कि हमारे भविष्य को चौपट कर रहे हैं. वेतन की मांग को लेकर मेरे भविष्य के साथ क्यों खेला जा रहा है. नये सत्र में स्कूलों का ताला अब तक नहीं खुला है. स्कूल में ताला बंद कर गुरुजी वेतनमान की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं.
अब छात्रों को भी अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. छात्रों का कैसे सिलेबस पूरा होगा, यह चिंता उनके माथे पर देखी जा रही है. अब तो 11 जून से गरमी की छुट्टी हो जायेगी. कुछ स्कूल खोलने का प्रयास हुआ, तो उसे हड़ताली शिक्षकों ने जबरन बंद करा दिया. गुरुजी लोग जो खुद को हड़ताल में नहीं बता रहे हैं वे घर पर बैठे ही हाजिरी बना रहे हैं. गुरुजी को छात्रों के भविष्य की कोई परवाह नहीं है. अपनी मांग को मनवाने के लिए छह लाख 88 हजार 990 छात्रों का भविष्य को दावं पर लगा दिया गया है. स्कूल बंद होने के कारण किताब भी नहीं मिली है कि घर पर बैठ कर तैयारी कर सकें.
सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से वर्ग एक से आठ तक के बच्चों को बिहार टेस्ट बुक की किताब नि:शुल्क दी जाती है. ऐसे में छात्रों के पास न तो किताब है और न ही पढ़ाने के लिए गुरुजी को मौका है. ऐसे में छात्रों का सिलेबस कैसे पूरा होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
शिक्षकों की हड़ताल से स्कूल में पूरी तरह से पढ़ाई ठप है. शिक्षा विभाग के कार्यालयों में भी हड़तालियों ने ताला बंद किया है. छात्रों के भविष्य को लेकर विभाग चिंतित है. हड़ताल समाप्त होने के बाद तय किया जायेगा कि कैसे सिलेबस को पूरा किया जाये.
अशोक कुमार, डीइओ