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ठंड से सदर अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या
गोपालगंज : सर्द हवा की वजह से ठंड फिर बढ़ गयी है. ऐसे में हार्ट, डायबिटीज और अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. थोड़ी-सी लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है. उन्हें शीघ्र अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. ठंड बढ़ने के साथ ही धमनी और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. इसका […]
गोपालगंज : सर्द हवा की वजह से ठंड फिर बढ़ गयी है. ऐसे में हार्ट, डायबिटीज और अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. थोड़ी-सी लापरवाही उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है.
उन्हें शीघ्र अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. ठंड बढ़ने के साथ ही धमनी और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. इसका सीधा असर ब्लड प्रेशर और शूगर लेवल पर पड़ता है. ऐसे मौसम में धूल, धुआं और वातावरण में फैले प्रदूषित कण भी हवा में काफी नीचे आ जाते हैं. इनसे अस्थमा (सांस) के मरीजों की परेशानी भी बढ़ जाती है और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है.
सदर अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या ठंड में बढ़ गयी है. औसतन हर रोज तीन से चार सौ मरीज ओपीडी में विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ कौशर जावेद ने बताया कि धमनी के सिकुड़ने से रक्तप्रवाह प्रभावित होता है और हार्ट को अधिक श्रम (पंप) करना पड़ता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो सीधे हार्ट पर असर डालता है.
दिन छोटा और रात लंबी होने के चलते लोगों की गतिविधियां कम हो जाती हैं, जिसके कारण वह खाते तो अधिक हैं, किंतु उससे मिलने वाली कैलोरी को बर्न नहीं कर पाते. इसकी वजह से वजन बढ़ता है और शूगर भी. उन्होंने कहा कि ऐसे में हार्ट और डायबिटीज के रोगियों को विशेष सावधानी बरतना चाहिए क्योंकि इन रोगियों में ऐसे में दवाओं की माप बदलने की जरूरत होती है.
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