* स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को नहीं मिलता है भोजन
गोपालगंज : ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शासन ने प्राथमिक व रेफरल स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन विभागीय लापरवाही से योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है.
ठेकेदारों के भरोसे यह योजना कागजों में तो सुचारु रूप से चल रही है ,जबकि हकीकत में इसका कहीं पता नहीं चल रहा है. अब तक किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों के लिए खाना बनना शुरू नहीं हुआ है. सूबे में नयी सरकार बनने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नये प्रयोग किये गये. इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भरती मरीजों व नवजात के लिए आहार उपलब्ध कराने का फरमान जारी किया गया. विभाग की अव्यवस्था का आलम यह है कि योजना लागू होने के बाद भी मरीज भूखे रह रहे हैं. ठेकेदारों को जिम्मेदारी सौंप विभाग सो गया.
स्वास्थ्य केंद्र में भरती मरीज चंपा देवी से आहार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल से मात्र कुछ दवाएं भर मिलती है. बाकी का सारा इंतजाम मरीज व उसके परजिन स्वयं करते हैं. भोरे में अब तक मरीज को भोजन देने की व्यवस्था शुरू नहीं हुई है. कागज में यह व्यवस्था चल रही है.
नियम से प्रसव के लिए आयी महिला व नवजात को 48 घंटे के बाद डिस्चार्ज किया जाना चाहिए, लेकिन भोजन की सुविधा उपलब्ध न होने से मरीज को पहले ही छोड़ दिया जाता है, जिससे कई बार परेशानी हो जाती है. इसकी वजह से मरीज को सरकारी सुविधाओं का भी भरपूर लाभ नहीं मिल पाता है.
* क्या कहते हैं सीएस
जिले के सभी स्वास्थ केंद्रों पर यह व्यवस्था लागू की गयी है. कुछ जगहों पर ठेकेदार द्वारा खाना नहीं बनाने की शिकायत मिली है. वहां जल्दी ही व्यवस्था शुरू करा दी जायेगी. बिना काम के ही भुगतान लेनेवालों पर जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ.शंकर झा, सीएस, गोपालगंज