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साहब ! रिक्शाचालक को कौन दिलायेगा न्याय?

गोपालगंज: साहब! रिक्शावाले को न्याय कौन दिलायेगा?. उसकी दर्द को अब कौन सुनेगा? उसके पोते को लकवा मार दिया है. रिक्शा चला कर सबेरे से शाम तक मुकदमा का खर्च निकाल पाता है. शहर का बोझ उठानेवाले नगीना राम डीएम के जनता दरबार में गुरुवार को कहा कि हुजूर के आदेश के बाद सीओ साहब […]

गोपालगंज: साहब! रिक्शावाले को न्याय कौन दिलायेगा?. उसकी दर्द को अब कौन सुनेगा? उसके पोते को लकवा मार दिया है. रिक्शा चला कर सबेरे से शाम तक मुकदमा का खर्च निकाल पाता है.

शहर का बोझ उठानेवाले नगीना राम डीएम के जनता दरबार में गुरुवार को कहा कि हुजूर के आदेश के बाद सीओ साहब स्पष्ट आदेश की मांग करते हैं. मेरी परेशानी को कोई समझ नहीं रहा है. अब एक मात्र उपाय बचा है कि आपके समक्ष आत्महत्या कर लें.

यह व्यथा है विजयीपुर थाना क्षेत्र के सुमेरपुर गांव के निवासी नगीना राम का.नगीना राम डीएम के जनता दरबार में पहुंच कर एक दर्जन बार गुहार लगा चुके हैं. दरअसल नगीना राम के सुमेरपुर गांव में बासगीत खाता संख्या 60 खेसरा नंबर 268 में नौ डिसमिल जमीन इसके पूर्वज के नाम पर खतियान में दर्ज है. पड़ोसी गलत तरीके से अपने नाम से परचा करा लिया.

ये लोगबड़े व्यवसायी हैं. उनकी पहुंच लंबी है.तत्कालीन भूमि उपसमाहर्ता, हथुआ के यहां नगीना राम ने सीओ के खिलाफ मामला दाखिल किया. 28 मई, 2012 को डीसीएलआर हथुआ ने जमाबंदी रद्द करने क ी अनुशंसा की. डीएम ने इस मामले में सुनवाई के बाद पुन: 20 सितंबर, 2013 को भौतिक सत्यापन करने का आदेश डीसीएलआर को दिये.डीसीएलआर ने मामले का भौतिक सत्यापन गत 23 मई, 2014 को किये. उसके बाद 26 मई को आदेश स्पष्ट नहीं दिये. नतीजा है कि स्पष्ट आदेश के लिए डीएम साहब के दरबार का चक्कर लगा रहा है.

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