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गिरफ्तार डाटा ऑपरेटरों ने खोली पोल, निबंधन कार्यालय में हर काम के लिए रिश्वत तय!

गोपालगंज : जिला अवर निबंधन कार्यालय में निगरानी की कार्रवाई से रिश्वत का खेल खुलकर सामने आया है. निबंधन कार्यालय में हर काम के रिश्वत तय होने की बात सामने आयी है. उधर, निगरानी के हत्थे चढ़े डाटा इंट्री ऑपरेटर संजय कुमार तथा दैनिकभोगी डाटा ऑपरेटर जादोपुर के निवासी पप्पू श्रीवास्तव ने रिश्वत के इस […]

गोपालगंज : जिला अवर निबंधन कार्यालय में निगरानी की कार्रवाई से रिश्वत का खेल खुलकर सामने आया है. निबंधन कार्यालय में हर काम के रिश्वत तय होने की बात सामने आयी है. उधर, निगरानी के हत्थे चढ़े डाटा इंट्री ऑपरेटर संजय कुमार तथा दैनिकभोगी डाटा ऑपरेटर जादोपुर के निवासी पप्पू श्रीवास्तव ने रिश्वत के इस खेल की पोल खोल दी है. गिरफ्तार डाटा ऑपरेटरों ने अधिकारी के कहने पर रिश्वत की राशि लेने की बात स्वीकारी है.

निगरानी की जांच की आंच जिला अवर निबंधन पदाधिकारी स्वीटी सुमन तक पहुंच गयी है. निगरानी की टीम ने जांच की, तो कर्मियों के गले की फांस बन सकती है. उधर, निगरानी की कार्रवाई के बाद निबंधन कार्यालय परिसर में कुछ स्टांप वेंडरों व दस्तावेज नवीसों की सीटों को अधिकारी के आदेश पर हटा दिया गया है. इस निगरानी के अपीलकर्ता बैकुंठपुर थाने के कतालपुर गांव के रहनेवाले जितेंद्र पांडेय ने भी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी है.

निगरानी की कार्रवाई के बाद अवर निबंधन कार्यालय में ली जानेवाली रिश्वत का रेट फिक्स होने की शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के प्रधान सचिव से की गयी है. इसमें अलग-अलग कार्यों के लिए रेट भी बताया गया है. आरोप है कि सदर ब्लॉक में चतुर्थवर्गीय कर्मी जो मोहर लगाता है, वह 20 रुपये लेता है. कंप्यूटर पर फोटो खींचनेवाला ऑपरेटर का दो सौ रुपये, जमीन का बगैर पैनकार्ड के जमीन रजिस्ट्री के लिए एक हजार से पांच हजार से ऊपर तक, शहरी क्षेत्र में जमीन की स्पॉट जांच के लिए 1100, ग्रामीण पेरीफेरल क्षेत्र में 600 रुपये, इसके अलावा सात कट्ठे से अधिक की जमीन की वसीयत के लिए 10 हजार रुपये का रेट तय था.

12 फरवरी को ट्रैप हुए थे दो डाटा इंट्री ऑपरेटर

निगरानी के डीएसपी विमलेंदु कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम ने 12 फरवरी को जिला अवर निबंधन पदाधिकारी के कार्यालय में छापेमारी कर 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे्रहाथों सीवान जिले के भगवानपुर हाट के संजय कुमार तथा जादोपुर थाने के उसी गांव के अजय कुमार श्रीवास्तव के पुत्र पप्पू कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार कर्मियों ने स्वीकार किया कि रिश्वत की राशि अधिकारी के कहने पर ली थी.

कार्यालय को बदनाम करने की हो रही साजिश

जिला अवर निबंधन पदाधिकारी स्वीटी सुमन ने बताया कि कुछ माफिया किस्म के लोग शुरू से ही कार्यालय को बदनाम करने की कोशिश करते रहे हैं. परेशान करने की नीयत से बेवजह शिकायत करते हैं. माफियाओं की मनमानी रोकने पर ऐसी हरकत की जा रही है. रिश्वत लेनेवालों पर कार्रवाई हुई है. वे क्या बोल रहे मुझे जानकारी नहीं है.

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