गोपालगंज : ठेकेदार रामाशंकर सिंह को जिंदा जला कर मारने के मामले में नगर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. मृत ठेकेदार के पुत्र राणा प्रताप सिंह के बयान पर जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता, कार्यपालक पदाधिकारी और मुख्य अभियंता की पत्नी को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. वहीं, मकान में पहले से मौजूद चार अन्य लोगों को अज्ञात अभियुक्त बनाया गया है.
ठेकेदार के बेटे ने आरोप लगाया है कि रामाशंकर सिंह को बकाया पेमेंट का भुगतान करने के लिए गुरुवार की दोपहर में बुलाया गया था. सरकारी आवास पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बेटे को बाहर कर ठेकेदार को अंदर बुलाया और मारपीट शुरू कर दी. इस बीच, मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह ने पत्नी से गैलन में तेल मंगवाया और रामाशंकर सिंह के शरीर पर उड़ेल दिया. आग लगने की सूचना पर बेटे ने पिता को बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से गोरखपुर रेफर किया, जहां उनकी मौत हो गयी. एसपी राशिद जमां ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी ने संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
फॉरेंसिक टीम ने की घटनास्थल की जांच
इधर, मुजफ्फरपुर से पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर जांच की. जिस कमरे में ठेकेदार को जलाने की बात कही जा रही है, उस कमरे से ज्वलनशील पदार्थ का सैंपल लिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी डॉक्टरों की टीम ने ज्वलनशील पदार्थ से जल कर मौत होने की बात कही है. सारण डीआइजी विजय कुमार वर्मा ने भी शुक्रवार को घटनास्थल पर जांच की. जांच के बाद पुलिस अधिकारियों को कई बिंदुओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
क्या कहते हैं डीआइजी
घटना के संबंध में सारण के डीआइजी विजय कुमार वर्मा ने कहा कि ”हाइ प्रोफाइल मामला है. आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी होगी. पुलिस जांच कर रही है. एसआइटी फरार आरोपितों की गिरफ्तारी में जुटी है. किसी भी हाल पर आरोपित बख्शे नहीं जायेंगे.”
कौन-कौन बनाये गये अभियुक्त
जितेंद्र कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता
मुरलीधर सिंह, मुख्य अभियंता
सत्येंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता
मुरलीधर सिंह की पत्नी
चार अन्य अज्ञात अभियुक्त