गोपालगंजः सुनहरे भविष्य का सपना लिये साथ सात समंदर पार मलयेशिया पहुंचे बिहार के 90 युवकों को बंधक बना लिया गया है. इनमें कई गोपालगंज व सारण जिलों के हैं. यह खबर पाने के बाद परिवार के लोग परेशान हैं. कुछ परिजनों ने जिला प्रशासन से तत्काल पहल करने का अनुरोध किया है.
पिछले तीन दिनों से इन युवकों को खाना भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि कैंपस से बाहर निकलने से पहले चार मई से खाने का पैसा देकर निकलने को कहा जा रहा है. युवकों के पास पैसा नहीं है कि वे अपनी खुराकी का पैसा जमा कर किसी तरह बाहर आ सके. मलयेशिया में फंसे कुचायकोट थाना क्षेत्र के चौचक्का गांव के अभय सिंह ने फोन पर प्रभात खबर को बताया कि कुचायकोट थाने के करमइनी गाजी गांव के गब्बर सिंह ने हमलोगों से 90 -90 हजार रुपये लेकर दो सालों के लिए एग्रीमेंट कर मोटे तनख्वाह का लोभ देकर मलयेशिया भेज दिया.
यहां आने पर पता चला कि सभी युवकों का वीजा टूरिस्ट का है. यहां जिस कंपनी में काम के लिए हमें भेजा गया, उस कंपनी के लोगों ने कोई काम नहीं दिया. उलटे अब खाने का भी पैसा मांग रहे हैं. बिहार के करीब 90 लड़को यहां पिछले तीन दिनों से खाना नहीं मिला है, जबकि मीरगंज थाने के जादो पिपरा गांव के विनोद सिंह, जलालपुर के लोहित कुमार, सारण जिले के अकिल छपरा गांव के सत्येंद्र सिंह समेत तीन दर्जन युवक सारण प्रमंडल के हैं, जबकि अधिसंख्य युवक बिहार के ही हैं, जो पिछले चार मई को यहां पहुंचे व फर्जीवाड़े में उलझ चुके हैं.