कटिहार : मुकेश के परिजन गुवाहाटी में ही रहते हैं. त्योहार व शादी-विवाह में ही गांव आते-जाते हैं. उनके चाचा वशिष्ठ नारायण पांडेय एक अखबार में संपादक हैं. आइएएस मुकेश की प्रारंभिक शिक्षा गुवाहाटी में ही हुई. वे कॉटन कॉलेज गुवाहाटी से इंग्लिश में स्नातक (ऑनर्स) किये थे. उसके बाद वे सिविल सेवा की तैयारी […]
कटिहार : मुकेश के परिजन गुवाहाटी में ही रहते हैं. त्योहार व शादी-विवाह में ही गांव आते-जाते हैं. उनके चाचा वशिष्ठ नारायण पांडेय एक अखबार में संपादक हैं. आइएएस मुकेश की प्रारंभिक शिक्षा गुवाहाटी में ही हुई. वे कॉटन कॉलेज गुवाहाटी से इंग्लिश में स्नातक (ऑनर्स) किये थे. उसके बाद वे सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गये.
2012 में दूसरे प्रयास में ही उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ. आॅल इंडिया स्तर पर उनका रैंक 14वां था. वे एक तेजतर्रार, बेदाग अफसर थे. उनको 2015 में संयुक्त सचिव रैंक में प्रमोशन मिला था. आइएएस मुकेश पांडेय की शादी 2013 में बाढ़, पटना के एक रसूखदार कारोबारी राकेश कुमार सिंह के यहां 18 नवंबर 2013 को पटना के मौर्या होटल में बड़े ही धूमधाम से उनकी शादी हुई थी.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2012 बैच के अधिकारी एवं 10 दिन पूर्व तक कटिहार के डीडीसी रहे मुकेश पांडेय की खुदकुशी की सूचना से पूरे जिले में शोक है. जिसने भी सुना वह भौंचक रह गया. किसी के गले यह बात नहीं उतर रही है कि मुकेश पांडेय जैसे सख्सियत खुदकुशी भी कर सकता है. कटिहार में करीब दो साल तक डीडीसी के रूप में काम करने वाले श्री पांडेय किसी पारिवारिक उलझन में भी थे, ऐसा किसी को आभास तक नहीं था. अचानक गुरुवार की रात उनके आत्महत्या करने की खबर जैसे ही पहुंची, तो लोग अवाक रह गये. शुरुआत में तो लोगों को इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा था श्री पांडेय आत्महत्या किये हैं. सोशल मीडिया व अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैनलों में खबर आने के बाद लोग अपने-अपने स्तर से इसकी पुष्टि करने में जुटे रहे. जब कन्फर्म हो गया कि खुदकुशी करने वाले कटिहार के डीडीसी रहे श्री पांडेय ही हैं, तो हर तबका गमगीन हो गया. सरकारी महकमे में भी हर कोई उनकी मौत से दुखी था. हर तबके के लोग श्री पांडेय की मौत को लेकर अपने अपने हिसाब से आकलन कर रहे थे.
खुदकुशी या हत्या… िदनभर लोगों में हाेती रहीं चर्चाएं
कटिहार के पूर्व डीडीसी रहे व बक्सर के डीएम की खुदकुशी का मामला जिस तरह सामने आया है. उसको लेकर प्रथमदृष्टया लोग आत्महत्या ही मान रहे हैं. पर, जिस तरह आत्महत्या का मामला सामने आया है, वह भी गले नहीं उतर रहा है. फिलहाल यह बात सामने आयी है कि मुकेश पांडेय की ससुराल वालों तथा पत्नी के साथ अच्छे संबंध नहीं थे. प्रथम दृष्टया आत्महत्या का कारण यही माना जा रहा है. इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि उनकी ससुराल रसूखदार परिवार में थी. मध्यमवर्गीय परिवार से आनेवाले मुकेश पांडेय स्टेटस में ससुराल पक्ष से कमजोर पड़ते थे. माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच तनातनी भी होती रही है. सुसाइड नोट में जो बात सामने आयी है, उससे पारिवारिक कलह ही मजबूत कारण माना जा रहा है.