त्रासदी. नेपाल में हो रही बारिश से गंडक में उफान, डीएम ने दिया चौकसी का निर्देश
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भसही में तेज हुआ कटाव,दहशत में लोग
त्रासदी. नेपाल में हो रही बारिश से गंडक में उफान, डीएम ने दिया चौकसी का निर्देश नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक नदी उफनाने लगी है. नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटे में तीन फुट से ऊपर नदी का पानी बढ़ा है. तटबंधों पर दबाव की […]
नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक नदी उफनाने लगी है. नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटे में तीन फुट से ऊपर नदी का पानी बढ़ा है. तटबंधों पर दबाव की आशंका बनी हुई है.
कालामटिहनिया : नारायणी नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. भसही में नदी तटबंध के समीप कटाव करने पहुंच चुकी है. नदी के कटाव से भसही और आसपास के लोग दहशत में हैं. इस बीच डीएम राहुल कुमार ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ कालामटिहनिया तथा विशंभरपुर की स्थिति का आकलन किया. डीएम बचाव कार्य की समीक्षा करने के बाद मौजूद लोगों से बातचीत कर काफी संतुष्ट दिखे. डीएम ने कहा कि इस बार विभाग की तरफ से कराये गये बचाव कार्य से यहां के लोग संतुष्ट हैं.
नदी के कटाव और विस्थापन से लोगों को निजात मिलेगी. विशंभरपुर में पिछले पांच दिनों से गंडक नदी का दबाव सीधा आंगनबाड़ी केंद्र पर बना हुआ है. इसके साथ ही यहां रहनेवाले 60 परिवारों पर नदी का खतरा है. जिलाधिकारी ने गंडक नदी के स्वभाव पर चर्चा करते हुए विभाग के अभियंताओं को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. साथ ही तटबंधों पर चौकसी बढ़ाने तथा पल-पल की स्थिति से प्रशासन को अपडेट करने को कहा गया है. कार्यपालक अभियंता नवल किशोर सिंह, आरके शाही समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे.
वाल्मीकिनगर बराज से 1.31 लाख क्यूसेक रहा डिस्चार्ज : वाल्मीकिनगर बराज से मंगलवार की शाम चार बजे 1.31 लाख क्यूसेक जल डिस्चार्ज किया गया. इससे नदी में तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है. ग्रामीणों की मानें, तो भसही में कटाव हो रहा है. नदी का सीधा अटैक तटबंध पर हो रहा है. उधर, विशंभरपुर में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र को बचाने के लिए विभाग ने अपने स्तर से पूरी ताकत लगा दी है. नदी के रुख को देख ग्रामीणों में खौफ का माहौल है. लोगों को भय है कि नदी कहीं इस बार भी तबाही न मचा दे.
पाइलट चैनल फेल, पश्चिम की तरफ मुड़ी नदी : अहिरौली दान से कालामटिहनिया के समीप दो किमी लंबा बनाये गये पाइलट चैनल के मुंह पर अहिरौली दान के समीप पारकोपाइन रखे जाने से यहां झील जैसा बन गया तथा नदी पश्चिम की तरफ मुड़ कर भसही के समीप सीधा अटैक कर रही है. दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल मांझी ने बताया कि पाइलट चैनल का मुंह पर पारकोपाइन नहीं रखा गया होता, तो शायद चैनल एक्टिवेट हो जाता. दबाव जो भसही के पास बढ़ा हुआ है वह ऐसा नहीं होता. नदी के मुड़ने से यहां तबाही मच सकती है.
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