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यात्रियों को न हो असुविधा, रखें ख्याल
तैयारी. डीएम ने पितृपक्ष मेले को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना अधिकारियों को अपनी जिम्मेवारी को कर्तव्य समझ पूरा करने का निर्देश गया : इस बार पितृपक्ष मेले के दौरान किसी तरह की कमी पिंडदानियों को महसूस नहीं हो. इसके लिए सभी अधिकारी अभी […]
तैयारी. डीएम ने पितृपक्ष मेले को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक, कहा
10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना
अधिकारियों को अपनी जिम्मेवारी को कर्तव्य समझ पूरा करने का निर्देश
गया : इस बार पितृपक्ष मेले के दौरान किसी तरह की कमी पिंडदानियों को महसूस नहीं हो. इसके लिए सभी अधिकारी अभी से ही तैयारी शुरू कर दें. ये बातें शुक्रवार को पितृपक्ष मेले को लेकर अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में डीएम कुमार रवि ने कहीं. डीएम ने कहा कि हर साल यहां पिंडदान के लिए लाखों तीर्थयात्री पहुंचते हैं. इस बार 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
पांच से 20 सितंबर तक आयोजित होनेवाले इस मेले के लिए सभी अधिकारी अपनी जिम्मेवारी को कर्तव्य समझ कर पूरा करें. ताकि पितृपक्ष के अवसर पर तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो और अच्छी व सुखद छवि लेकर यहां से वापस जायें. इसमें नगर निगम की भूमिका अहम है. निगम पर साफ-सफाई, शौचालय, पेयजल आदि का दायित्व होता है. इसके अतिरिक्त यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करना भी प्राथमिकता है.
बनीं 14 समितियां: जिलाधिकारी के निर्देश पर पर्यटन प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने बताया कि पितृपक्ष मेला में व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के लिए 14 समितियों का गठन किया गया है.
इनमें आवासन समिति, साफ-सफाई, जलापूर्ति व स्वच्छता, बिजली व प्रकाश व्यवस्था, सड़क व नाली की मरम्मत, स्वास्थ्य व्यवस्था, खाद्य व आपूर्ति, नियंत्रण कक्ष, कॉल सेंटर व वेबसाइट, स्मारिका, प्रशस्ति पत्र, प्रचार प्रसार, विधि व्यवस्था, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम व जनसहभागिता समितियां शामिल हैं.
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