बोधगया: पांचवें अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव में शामिल होने आये विश्व के 39 देशों के 300 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने गुरुवार की सुबह महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की व पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे विश्व शांति की प्रार्थना की. इनमें से ज्यादातर डेलिगेट्स पहली मर्तबा बोधगया आये थे. मंदिर की महत्ता जान और भव्यता देख मुग्ध होते नजर आये.
विदेशी मेहमानों ने मंदिर परिसर के हर क्षेत्र का परिभ्रमण किया व फोटोग्राफी करने में मशगूल रहे. बेहद उत्सुकता व आस्था के साथ सभी ने बौद्ध भिक्षुओं के नेतृत्व में महाबोधि मंदिर में आयोजित शांति प्रार्थना में शामिल हुए व दोपहर में बुद्ध की ज्ञान स्थली से विदा लिया. इस दौरान डीएम कुमार रवि ने मेहमानों का स्वागत करते हुए उन्हें यहां सुरक्षा के साथ ही सुविधा मुहैया कराने के प्रति भरोसा दिलाया. डीएम ने कहा कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु व पर्यटक को सुरक्षा व सुविधा मुहैयाी जा रही है व इसमें खुशी भी हो रही है.
डीएम ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से बोधगया व बौद्ध स्थलों का भ्रमण करने के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित करने की अपील की. इस बीच डीएम ने कई अतिथियों से बोधगया, राजगीर, नालंदा, सारनाथ व वाराणसी दौरे के बारे में उनके अनुभवों के बारे में भी पूछा. सभी ने मुस्कुराते हुए कहा वेरी फाइन. साथ ही यूएसए व अन्य देशों के कई प्रतिनिधियों ने डीएम से बोधगया व यहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी भी ली, जिसे डीएम ने यहां की धार्मिक महत्ता व व्यवस्था के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी. इससे पहले सभी ने पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे शांति पाठ किया व विभिन्न देशों व पंथों के बौद्ध भिक्षुओं द्वारा सूत्तपाठ किया गया. महाबोधि मंदिर प्रबंधन की ओर से सभी अतिथियों को बोधिवृक्ष का पत्ता, खादा व मंदिर प्रबंधन समिति(बीटीएमसी) द्वारा प्रकाशित वार्षिक मैगजीन पज्ञा भेंट की गयी. सुबह साढ़े आठ बजे से साढ़े 11 बजे तक मंदिर परिसर में व्यतीत करने के बाद सभी ग्रुप फोटोग्राफी करायी व गया एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गये. विदेशी मेहमानों के आगमन को लेकर बोधगया की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी थी.