गया : भारत माता की जय… अशोक सिंह अमर रहें, जैसे गगनचुंबी नारों के बीच बिहार के तीन लाड़ले सपूतों का राजकीय सम्मा न के साथ मंगलवार को अंतिम संस्कार हो गया. शहीद अशोक कुमार सिंह का अंतिम संस्कार भोजपुर में उनके पैतृक गांव में हुआ, तो कैमूर के राकेश कुमार का बक्सर में. एसके विद्यार्थी का अंतिम संस्कार गया के विष्णुपद स्थित श्मशान घाट पर हुआ. शहीदों की शवयात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे. हर किसी की आंखों में आंसू और पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था.
लोगों का कहना था- अब शहीद जवानों का बदला लेकर पाकिस्तान को सबक सिखाया जाना चाहिए. दूसरी तरफ शहीदों के परिजनों की हालत खराब है. शहीद की पत्नी की आंखों के आंसू सूख गये हैं. वह बार-बार बेहोश हो जा रही हैं. शहीद एसके विद्यार्थी की बेटी अपनी मां को समझा रही थी- मम्मी मत रोओ, हम पूरा करेंगे पापा का सपना, यह सुन कर वहां खड़े लोगों का हृदय द्रवित हो जाता है.
…अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
गया : शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी का पार्थिव शरीर 1:35 बजे गया शहर में विष्णुपद स्थित श्मशान घाट पर पहुंचा. यहां सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड अॉफ अॉनर दिया़ पिता मथुरा यादव, शहीद की बेटियां आरती कुमारी, अंशु कुमारी, अंशिका कुमारी व डेढ़ वर्षीय बेटे आर्यन राज काे गाेद में लिये शहीद की पत्नी किरण देवी बेजार विलाप कि ये जा रही थीं. इससे वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गयीं
हक्का-बक्का था आर्यन
शहीद का डेढ़ वर्षीय बेटा आर्यन भीड़ काे देख हक्का -बक्का था. उसे ताे पता भी नहीं था कि उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है. वह तो लोगों को आश्चर्य से देख रहा था़ उसे गाेद मे लेकर शहीद के छाेटे चाचा रामजी यादव ने अपने भतीजे को दाेपहर बाद 2.36 बजे वैदिक मंत्राेच्चार के बीच मुखाग्नि दी. इस बीच, बिहार रेजिमेंट, दानापुर के आठ जवानों ने 24 राउंड फायरिंग कर शहीद को सलामी दी. बिहार रेजिमेंट, दानापुर के 30 सदस्यीय जवानाें का कर्नल देवाशीष नाथ लीड कर रहे थे.
इस माैके पर आेटीए के अधिकारी कर्नल रूपेंद्र सिंह, कर्नल राहुल बख्शी, मेजर गाैरव कुमार, मेजर कैलाश, आैरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह, गया के सांसद हरि मांझी, पीएचइडी सह जिला के प्रभारी मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ. प्रेम कुमार, सुरेंद्र प्रसाद यादव, राजीव नंदन दांगी, सहित अन्य नेता व अधिकारी माैजूद थे.
अब किसके सहारे आैर किस लिए जीयें : किरण
गया. परैया थाना क्षेत्र के बाेकनारी से निकली शहीद के पार्थिव शरीर की यात्रा जब श्मशान घाट पर पहुंची, ताे उपस्थित भीड़ में अपने जिला के वीर सपूत काे खाेने का गम था. इस बीच शहीद की पत्नी किरण कुमारी की नजर जब भी अपने अबाेध बेटे आर्यन राज पर पड़ती, ताे वह फफक कर राे पड़ती. उसकी यह आवाज कि अब किस के सहारे आैर किस लि ए जियें, लाेगाें काे जैसे भेद रही थी. किरण की चीत्कार सुन हर कोई रो रहा था.
पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सरकार
बक्सर. देश के लिए कुरबानी देने वाले राकेश सिंह के पिता हरिहर सिंह कुशवाहा ने कहा बेटे की शहादत पर गर्व तो है, पर इसका बदला लेना होगा. उन्होंने कहा कि अब बात से काम नहीं चलेगा, बदला लेने का समय आ गया है. आतंकी हमले के खिलाफ सरकार को हमले का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.
हजारों लोगों ने दी शहीद राकेश को अंतिम सलामी
बक्सर : देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले कैमूर के सपूत राकेश सिंह के पार्थिव शरीर का मंगलवार को बक्सर के चरित्रव न घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सशस्त्र बलों की सलामी व गगनभेदी नारों के बीच शहीद के पिता हरिहर सिंह कुशवाहा ने बेटे को मुखाग्नि दी.
इस अवसर पर जब-तक सूरज-चांद रहेगा, राकेश तेरा नाम रहेगा जैसे नारों से घाट गूंज उठा. वहीं शहीद के बुजुर्ग पिता ने जब अपने कलेजे को टुकड़े को मुखाग्नि दी, तो लोग फफक पड़े. इस दौरान लोगों में गम व गुस्से के साथ गर्व भी देखा गया. मंगलवार को ठीक दो बजे वाहनों के काफिले के साथ शहीद का पार्थिव शरीर चरित्रव न घाट लाया गया. इस दौरान हजारों लोगों की उपस्थिति में दानापुर के सैन्य अधिकारी अमृतगुरु के नेतृत्व में सशस्त्र बलों ने गार्ड ऑफ आॅनर दिया.
इस अवसर पर सांसद अश्विनी चौबे, सूबे के मंत्री संतोष निराला, रामगढ़ के विधायक अशोक सिंह, स्थानीय विधायक संजय कुमार तिवारी, एमएलसी राधाचरण सेठ, पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह, बक्सर डीएम रमण कुमार, एसपी उपेंद्र शर्मा, एसडीओ गौतम कुमार, एएसपी शैशव यादव के अलावा बक्सर व कैमूर के बीडीओ, सीओ, इंस्पेक्टर, थानेदार सहित हजारों लोग उपस्थित थे.
पंचतत्व में विलीन हो गये भोजपुर के शहीद अशोक
आरा : मंगलवार की दोपहर 11:40 बजे शहीद अशोक का शव पीरो अनुमंडल के जितौरा बाजार स्थित रकटु टोला में लाया गया तो सबकी आंखें नम हो गयीं. शहीद को सेना के जवानों ने सलामी दी. इसके बाद जैसे ही शहीद अशोक की पत्नी संगीता के पास शव को ले जाया गया वह दहाड़ मार कर रोने लगी. बिहार सरकार के अधिकारियों ने सरकार की ओर से पांच लाख रुपये का चेक देने का प्रयास किया लेकिन शहीद की पत्नी ने कहा कि मेरा सोना चला गया अब मुझे कोयला नहीं चाहिए. पिता की आंखें देख नहीं पायी लेकिन घर में आये लोगों की आवाज सुन कर सेना के अधिकारियों के सामने रो पड़े.
वहां शायद ही ऐसा कोई होगा जिसकी आंखों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा नहीं होगा. शहीद का शव लेकर आये सेना के अधिकारियों, बिहार सरकार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, जगदीशपुर विधायक रामविशुन सिंह लोहिया, पूर्व विधायक भाई दिनेश, जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव, पुलिस कप्तान छत्रनील सिंह, सदर एसडीओ नवदीप शुक्ला समेत तमाम अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धां जलि दी. वहां उमड़ा जनसैलाब काफी देर तक पाकिस्तान से बदला लो का नारा लगा रहा था. इसके बाद बड़े बेटे वसेना से ट्रेनिंग कर वापस लौटे विकास ने गांव के बाहर पिता को मुखाग्नि दी.