गया: एशिया की सबसे बेहतरीन गुरिल्ला कमांडो कोबरा के 205वीं बटालियन के कमांडो भृगु नंदन चौधरी को गणतंत्र दिवस पर कीर्ति चक्र से सरकार ने सम्मानित किया है. कीर्ति चक्र से सम्मानित होनेवाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पहले जवान हैं.
जानकारी के अनुसार, अपनी जान की परवाह किये बगैर कमांडो श्री चौधरी ने सितंबर 2012 में गया जिले के नक्सलग्रस्त बरहा-छकरबंधा के जंगल में भाकपा-माओवादी संगठन के हथियारबंद सदस्यों को मुंहतोड़ जवाब दिया था. माओवादियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोट में कमांडो श्री चौधरी के दोनों पैर उड़ गये.
इसके बावजूद उन्होंने अपने अत्याधुनिक हथियार से माओवादियों पर लगातार गोलियां बरसायीं. इस मुठभेड़ के दौरान कुछ दूरी पर मोरचा संभाले कमांडो दिलीप सिंह का भी एक हाथ जख्मी हो गया था. इस दौरान दिलीप सिंह के एसएलआर में गोलियां समाप्त हो गयीं. उन्होंने मैगजीन बदलने की कोशिश भी की, लेकिन हाथ जख्मी होने के कारण सफल नहीं हो सके. दिलीप की हालत देख कर कमांडो श्री चौधरी माओवादियों पर गोली चलाते व रेंगते हुए कमांडो दिलीप के पास पहुंचे और उनकी मैगजीन बदलने में मदद की. इसके बाद दोनों कमांडो ने माओवादियों के छक्के छुड़ा दिये और उन्हें पीछे हटने को मजबूर किया.
इस कारण माओवादी घायल जवानों के हथियार लूटने में सफल नहीं हो सकें. कमांडो श्री चौधरी की वीरता व साहसिक कदम से कई जवानों की जानें भी बच गयीं. हालांकि, इस घटना में कमांडो श्री चौधरी शहीद हो गये. लेकिन, उनकी बहादुरी पर आज भी सीआरपीएफ व कोबरा जवानों को गर्व हैं. सीआरपीएफ से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2013 में नक्सल विरोधी अभियान में अदम्य साहस का परिचय देते हुए सात जवान शहीद हुए. इन्हें भी सम्मानित किया गया है.