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वसूली पर संकट: हर साल लाखों का नुकसान

गया:नगर निगम क्षेत्र में मेन रोड हो या लिंक रोड, कहीं न कहीं सड़क के किनारे बालू, ईंट व गिट्टी देखने को मिल ही जायेगा. देखने में तो यह सामान्य समस्या है. बहुत हुआ, तो लिख-पढ़ दिया कि इससे आने-जानेवाले राहगीरों को दिक्कत हो रही है. आये दिन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. पर, […]

गया:नगर निगम क्षेत्र में मेन रोड हो या लिंक रोड, कहीं न कहीं सड़क के किनारे बालू, ईंट व गिट्टी देखने को मिल ही जायेगा. देखने में तो यह सामान्य समस्या है. बहुत हुआ, तो लिख-पढ़ दिया कि इससे आने-जानेवाले राहगीरों को दिक्कत हो रही है. आये दिन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. पर, समस्या और भी है.

दरअसल, सड़कों के किनारे बालू, ईंट व गिट्टी गिरे होने से नगर निगम को राजस्व की भारी हानि हो रही है. इसके बाद भी नगर निगम इस मसले पर कोई निर्णायक फैसला नहीं कर पा रहा है. बोर्ड की बैठक में कई बार इस बात को लेकर गरमा-गरम बहस भी हुई. पर, निष्कर्ष कुछ नहीं निकला. उल्लेखनीय है कि मकान बनाने के लिए सड़क किनारे रखे मटेरियल के मालिक से एक हजार रुपये वसूलने का नियम है. इसके लिए नगर निगम में रोड सरकार का पद सृजित किया गया है.

कुछ जगहों पर वसूली की जा रही, पर रोड सरकारों की भारी कमी होने के कारण अधिकतर जगहों पर वसूली नहीं हो रही है. इससे नगर निगम के लिए जहां कुछ वर्ष पहले तक हर साल 10 लाख की वसूली होती थी, वहीं अब यह वसूली दो लाख पर सिमट गयी है. निगम सूत्रों की मानें, तो इस साल तीन माह में दो रोड सरकारों द्वारा अब तक लगभग 44 हजार रुपये की ही वसूली की जा सकी है. इधर, नगर आयुक्त विजय कुमार ने 28 जून को इसकी जानकारी मिलते ही रोड सरकारों के वेतन पर ही रोक लगा दी.

रोड सरकार के कामकाज व जिम्मेवारी

रोड सरकार का काम नगर निगम इलाके में बन रहे नये मकानों के मालिकों से रोड के किनारे भवन सामग्री रखने के एवज में पैसे वसूली का है. नगर निगम में रोड सरकार के चार पद हैं, पर यहां एक की ही नियुक्ति है, जबकि एक अन्य कर्मचारी को इस पद पर प्रतिनियुक्त किया गया है. अब दो कर्मचारियों के सहारे नगर निगम के 53 वार्डाें की वसूली हो रही है. उल्लेखनीय है कि नगरपालिका के समय भी दो ही रोड सरकार प्रतिनियुक्त थे. लेकिन, नगर निगम गठन के बाद इसका प्रक्षेत्र भी बढ़ा, पर कर्मचारी नहीं बढ़े. इधर, रोड सरकारों का कहना है कि राजस्व वसूली के दौरान बदसलूकी की जाती है. कई जगह पर सड़क किनारे ही बिल्डिंग मटेरियल की दुकान खोल ली गयी है. रसीद काटने पर पैसा तो देते नहीं, देख लेने की धमकी जरूर देते हैं.

सुनिश्चित की जायेगी वसूली

सड़क किनारे बिल्डिंग मटेरियल की दुकान पर रोक लगायी जायेगी. अगर कोई मकान बनाने के लिए नगर निगम क्षेत्र में ईंट, गिट्टी व बालू गिराता है, तो उसे नगर निगम द्वारा निर्धारित शुल्क देना होगा. बोर्ड की अगली बैठक में रोड सरकार के खाली पद भरने के लिए चर्चा की जायेगी. सोनी कुमारी, मेयर

सड़क किनारे का रोजगार

मकान बनानेवाले लोग सड़क के किनारे बालू, गिट्टी व ईंट तो रखते ही हैं, बिल्डिंग मटेरियल बेचनेवालों की दुकान भी सड़कों पर ही चलती है. आधी सड़क पर उनका कब्जा होता है. इसमें सबसे अधिक परेशान आम लोग होते हैं. कई जगह तो रोड पर ईंट भी रख दिये गये हैं और वहीं से उनकी बिक्री की जाती है. शहीद रोड, चंद्रशेखर जनता कॉलेज, राजेंद्र आश्रम साईं मंदिर बाइपास व मेडिकल रोड आदि जगहों पर धड़ल्ले से ऐसा काराेबार चल रहा है. इनके अलावा भी मानपुर इलाके के मुफस्सिल मोड़, भुसंडा बालापर, सुधा टॉकीज व जगजीवन कॉलेज आदि के पास सड़क किनारे दुकानें खुली हैं. मकान बनानेवाले तो कुछ जगह पर नगर निगम से रसीद कटवा भी लेते हैं, पर दुकानदारों से नगर निगम को कुछ भी हासिल नहीं हो पाता है. पिछले साल नगर आयुक्त नीलेश देवरे ने अभियान चला कर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी. उसके बाद नगर निगम कार्यालय पहुंच कर लोग रसीद कटाने लगे थे. उनके जाते ही मामला आया गया हो गया.

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