इसके लिए सही मार्गदर्शन नहीं मिलने के कारण अपनी प्रतिभा को मूर्त रूप नहीं दे पाते. हर वर्ष दो लाख से अधिक विद्यार्थी एग्जाम में बैठते हैं, पर इनमें से महज 10 हजार का ही चयन होता है. उन्होंने कहा कि हर छात्र अगर अपने आप को उन 10 हजार में लाने की प्रतिज्ञा कर तैयारी करे, तो सफलता अवश्य मिलेगी. आज बिहार के विद्यार्थी भी अपनी प्रतिभा को उजागर कर अपना स्थान आइआइटी में बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स को कुछ करने के लिए कभी भी अंत समय तक हिम्मत नहीं हारना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में शिक्षा ग्रहण करें, प्लेसमेंट आपकी मेहनत पर निर्भर करता है. यह दौर ऐसा होता है कि आपको परिवारवालों के सहयोग की आवश्यकता पल-पल होती है. इसके बिना सफलता की कल्पना करना मुश्किल है.