गया : रामप्रसाद गुप्ता अब कभी देख नहीं सकेंगे. निगोरी शराब ने उनकी आंखों की रोशनी ही छीन ली. उनकी आंखों की रोशनी क्या गयी, पत्नी संगीता देवी की दुनिया ही अंधेरी हो गयी. मगध मेडिकल काॅलेज में भरती रामप्रसाद का इलाज कर रहे डाॅक्टरों ने साफ कह दिया है कि वह अब देख नहीं सकते. जहरीली शराब ने उनकी आंखों की नसों को पूरी तरह खराब कर दिया है.
इधर, संगीता देवी के सामने विकट समस्या आ खड़ी हुई है. उनका एक बेटा है मनोज. वह भी मानसिक रूप से विक्षिप्त है. ससुराल व मायके दोनों ओर से संबंध इतने खास नहीं हैं कि मदद के लिए कोई आगे आये. घर में कमानेवाले केवल रामप्रसाद ही हैं, जो अब नेत्रविहीन हो गये. रामप्रसाद होटलों व ठेलों पर बरतन धोकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. पहले से कोई जमा-पूंजी भी नहीं है कि बुरी स्थिति में साथ दे सके. अब उनके घर का चूल्हा-चौका कैसे जलेगा, यह बड़ा सवाल है.
दरअसल, 55 वर्षीय रामप्रसाद गुप्ता औरंगाबाद जिले के ओबरा के उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने रविवार की रात जहरीली शराब पी थी. इसमें दो लोगों की मौत हो गयी थी और चार लोग की हालत गंभीर थी. रामप्रसाद गुप्ता को डॉक्टरों ने बचा तो लिया, पर उनकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जाती रही.
30 अप्रैल की घटना ने सब कुछ कर दिया बरबाद : रामप्रसाद की पत्नी संगीता देवी ने बताया कि घटना 30 अप्रैल की है. पंचायत चुनाव को लेकर उनके पति भी सक्रिय थे. गांव के मुखिया पद की प्रत्याशी शालिनी देवी को जिताने के लिए रामप्रसाद भी लगे थे. संगीता के मुताबिक, 30 अप्रैल की रात मुखिया पद की प्रत्याशी के पति दीपू कुमार ने कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीला पदार्थ मिला कर शराब जैसा कुछ बनवाया. चुनाव में सहयोग करनेवालों के बीच यह बांटा गया. रामप्रसाद ने भी शराब पी. रात में ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. संगीता ने बताया कि वह अपने पति को लेकर पीएचसी गयी, वहां से औरंगाबाद और अब गया में मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रही हैं. डाॅक्टरों ने कह दिया कि वह अब कभी देख नहीं सकेंगे.