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एमयू में एमएड की पढ़ाई शीघ्र !
मगध विश्वविद्यालय (एमयू) में नियमित कोर्सों के तहत दो वर्षीय एमएड (मास्टर इन एजुकेशन) की पढ़ाई जल्द ही शुरू हो सकती है. बस एनसीटीइ (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) की हरी झंडी मिलने का इंतजार है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो एमएड की पढ़ाई शुरू होने पर एमयू के गौरवशाली इतिहास में एक और […]
मगध विश्वविद्यालय (एमयू) में नियमित कोर्सों के तहत दो वर्षीय एमएड (मास्टर इन एजुकेशन) की पढ़ाई जल्द ही शुरू हो सकती है. बस एनसीटीइ (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) की हरी झंडी मिलने का इंतजार है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो एमएड की पढ़ाई शुरू होने पर एमयू के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ जायेगा, क्योंकि बिहार के कुछ ही शिक्षण संस्थानों में एमएड की पढ़ाई होती है.
बोधगया: कुलपति प्रो (डॉ) मोहम्मद इश्तियाक की पहल पर एमएड की पढ़ाई शुरू कराने के लिए एमयू प्रशासन ने एनसीटीइ में आवेदन दिया था. इसी आलोक में मंगलवार को एनसीटीइ की दो सदस्यीय टीम ने एमयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय स्थित शिक्षा विभाग का जायजा लिया.
एमयू के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एनसीटीइ से अनुमति मिलनेे के बाद एमएड में 50 सीटों पर नामांकन होगा. इसके लिए बीएड की डिग्रीधारी विद्यार्थी ही योग्य होंगे. कोर्स फीस के रूप में 1.20 लाख रुपये लिये जायेंगे.
एनसीटीइ की टीम में कोलकाता के डॉ प्रदीप्त कुमार मिश्रा व भुनेश्वर (ओड़िशा) के डॉ अजीत प्रसाद महापात्रा ने एमएड की पढ़ाई शुरू कराने के लिए एमयू के शिक्षा विभाग में मौजूद संसाधनों को देखा. विभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली, शिक्षकों की शिक्षण शैली, नयी तकनीक के उपयोग, इ-लाइब्रेरी की सुविधा से लैस पुस्तकालय, करिकुलम लैब, खेलकूद के संसाधन व शोध की व्यवस्था पर दोनों ने संतुष्टि जतायी. टीम के सदस्यों ने शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ इसराइल खां, रजिस्ट्रार डॉ सीताराम सिंह, प्राचार्य डाॅ पीके धल व सहायक प्रोफेसर डॉ धनंजय धीरज सहित अन्य अधिकारियों से भी एमएड की पढ़ाई शुरू करने से उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी ली.
इस मौके पर शिक्षा विभाग के डॉ जफर आलम, नूसरत जहां, मुकेश कुमार, संजीव कुमार पांडेय, डॉ बुधप्रिय, रश्मि सिन्हा, नरगिस नाग, रामरतन पासवान व रामेश्वर मिश्रा आदि भी मौजूद थे.
संतुष्ट होकर लौटे टीम के सदस्य
डॉ इसराइल खां ने बताया कि एमयू में आयी एनसीटीइ की टीम संतुष्ट होकर लौटी है. टीम के सदस्यों ने किसी भी संसाधन पर नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी. उनका कहना था कि वे वर्षों से कॉलेजों का निरीक्षण करते आये हैं, लेकिन जितने संसाधन एमयू के शिक्षा विभाग में पाये, उतने अन्य कॉलेजों ने नहीं मिले. डॉ खां ने कहा कि उम्मीद है एनसीटीइ से एमएड की पढ़ाई की अनुमति मिल जायेगी.
कुलपति व एनसीटीइ टीम के बीच मीटिंग
एमयू के शिक्षा विभाग का निरीक्षण करने के बाद एनसीटीइ की टीम ने कुलपति प्रो (डॉ) मोहम्मद इश्तियाक के साथ देर शाम गया शहर स्थित कुलपति आवास में बैठक की. काफी देर तक चली क्लोज डोर मीटिंग में एमयू में एमएड की पढ़ाई शुरू करने पर चर्चा हुई.
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