बोधगया: गांव व गरीबी से जूझ रहे आबादी के बीच से मानव व्यापार के दलालों की पैठ को खत्म करने के लिए पंचायत स्तर पर समिति का गठन किया जायेगा. अस्तित्वा के नाम से गठित समिति का काम कारखानों, घरों व ईंट भट्ठे पर काम करने के लिए जाने वाले बच्चों को रोकना होगा.
उनके माता-पिता को चंद रुपये के लालच में पड़ कर दलालों के साथ बच्चों को भेजने से रोकने के लिए प्रेरित करेंगे. लक्ष्य संस्था, यूएन वीमेन व इंपैक्ट द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान इस बात पर भी जोरदार चर्चा की गयी कि बोधगया व आसपास के गांवों से दलालों द्वारा बच्चों को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों व तराई क्षेत्रों में तिब्बतियन लोगों के हाथों काम करने के लिए बेच दिया जाता है. औसत से अधिक पारिश्रमिक देने के नाम पर बच्चों के माता-पिता को झांसा देते हैं व उन्हें घरों, घरेलू उद्योगों व ईंट भट्ठों पर काम में लगा दिया जाता है. इसके बाद बच्चों का अता पता नहीं चलता है.
कार्यशाला में मानव व्यापार के कई उदाहरण व इसके रोकथाम के लिए उपाय भी बताये गये. इसमें रोक लगाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी पर प्रकाश डाला गया व इसके लिए पंचायत स्तर पर समिति गठन करने का निर्णय लिया गया. कार्यशाला में लक्ष्य के मनोज कुमार, ट्रेनर फारूक शाह, जिला पार्षद अजय कुमार सिंह, प्रमुख संफुल देवी, पंचायत समिति सदस्य कमल जैन सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए.