बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के रसायन विभाग में गुरुवार को आयोजित फिजियोथेरेपी की परीक्षा के दौरान नकल पर रोक लगाने के विरोध में हंगामा व तोड़-फोड़ किये जाने का मामला देर शाम मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गया. उपद्रवियों को सबक सिखाने को लेकर पटना के वरीय अधिकारियों व एमयू प्रबंधन ने गुरुवार की रात ही उन पर प्राथमिकी करने का निर्णय लिया. इसके बाद एमयू के कुलसचिव डॉ नंदकुमार यादव ने छात्र राजद के मगध विश्वविद्यालय के अध्यक्ष संतोष कुमार (एमयू के पाली विभाग का छात्र) सहित तीन छात्रों के विरुद्ध नामजद व कई अज्ञात छात्रों पर मगध विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.
एसएसपी गरिमा मलिक ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपित छात्रों की पहचान कर गिरफ्तारी का फरमान जारी कर दिया. गुरुवार की देर रात मगध विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार ने बोधगया थाने के सहयोग से एमयू के हॉस्टल नंबर-चार में छापेमारी कर फिजियोथेरेपी के सेकंड इयर के छात्र आनंद कुमार व आदित्य कुमार को गिरफ्तार किया. साथ ही आरोपित छात्र राजद के मगध विश्वविद्यालय के अध्यक्ष संतोष कुमार को गिरफ्तार करने के लिए उसके ठिकानों पर छापेमारी भी की, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका. पुलिस ने पकड़ गये दोनों छात्रों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.
एआइएसएफ ने एमयू में किया हंगामा
एमयू के विद्यार्थियों के विरुद्ध एफआइआर किय जाने व दो छात्रों की गिरफ्तारी की सूचना के बाद शुक्रवार को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआइएसएफ) के नेता कुमार जितेंद्र अपने समर्थकों के साथ एमयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय व सोशल साइंस ब्लॉक स्थित कार्यालयों में नारेबाजी की और कामकाज को बाधित किया. एआइएसएफ के कार्यकर्ता इन दफ्तरों में कामकाज को लेकर आये छात्रों व उनके परिजनों को सोशल साइंस ब्लॉक परिसर से बाहर निकाल दिया और कामकाज का बहिष्कार कर एमयू प्रबंधन के विरुद्ध माेरचा खोलने का आह्वान करते रहे.
रजिस्ट्रार ने मदद से खड़े किये हाथ : हंगामा करने के बाद अपने समर्थकों के साथ एआइएसएफ के नेता कुमार जितेंद्र व जन अधिकारी पार्टी के एमयू प्रभारी भवानी सिंह एमयू के रजिस्ट्रार प्रो सीताराम सिंह के कार्यालय पहुंचे और उनसे छात्रों के विरुद्ध दर्ज एफआइआर को वापस लेने व गिरफ्तार दोनों छात्रों को थाने से रिहा करने की मांग की. दोनों छात्र नेताओं ने गिरफ्तार छात्रों के भविष्य का भी हवाला दिया. इस पर रजिस्ट्रार ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर उनके द्वारा छात्रों पर एफआइआर दर्ज किया गया है, तो वह खुद थाना चलने के लिए तैयार हैं, लेकिन मामला सीएम हाउस तक चला गया है. सीएम हाउस के निर्देश पर ही थानेदार ने छात्रों पर एफआइआर किया है. इसमें एमयू प्रशासन कुछ नहीं कर सकता है. रजिस्ट्रार ने दोनों नेताओं को कानून का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि संविधान में विरोध करने का अधिकार हर किसी को दिया है, लेकिन, नियम-कानून का उल्लंघन कर तोड़-फोड़ व हंगामा करना गलत है. इस मामले में सरकार ने ही सख्त रुख अपनाया है, तो वे क्या कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हंगामा करनेवाले छात्रों का मामला फिलहाल थाने में है. 24 घंटे के अंदर यह मामला कोर्ट में चला जायेगा.