बोधगया: बैजूबिगहा के रहनेवाले वीरेंद्र यादव उर्फ कमांडो यादव का अपहरण कर हत्या में शामिल तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को दिये बयान में कमांडो यादव का विगत एक दिसंबर को बोधगया से अपहरण कर उसकी हत्या कर देने की बात बतायी है. वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत […]
बोधगया: बैजूबिगहा के रहनेवाले वीरेंद्र यादव उर्फ कमांडो यादव का अपहरण कर हत्या में शामिल तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को दिये बयान में कमांडो यादव का विगत एक दिसंबर को बोधगया से अपहरण कर उसकी हत्या कर देने की बात बतायी है. वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत मोबाइल सर्विलांस व फेसबुक के सहारे पकड़ाये बारुण थाना क्षेत्र के सिरिस गांव का नीतीश कुमार व मुन्ना उर्फ मोबारक और डेहरी थाना क्षेत्र के बारा-पथरा के रहनेवाले रतन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गये अपराधियों से पुलिस ने अपहरण व हत्या की जानकारी लेने के बाद एसएसपी गरिमा मलिक ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी.
योजनाबद्ध तरीके से हुई हत्या : एसएसपी ने बताया कि इस कांड के आरोपित बैजूबिगहा के ही दयानंद यादव, आनंद यादव, कंचानंद यादव व इनके मामा उदय यादव ने पहले से चल रहे जमीन के विवाद को लेकर कमांडो यादव की हत्या करने की योजना बनायी थी. इसके तहत बाराचट्टी के रहनेवाले परमानंद यादव से संपर्क में रहने के कारण उसके ड्राइवर मुन्ना उर्फ मोबारक से जान-पहचान हुई. परमानंद के कहने पर मुन्ना ने अपने सहयोगियों, तिलौथू के कृष्णा व डेहरी के नीतीश, राहुल व भोला से संपर्क कराया. इसके बाद योजना बनी कि कमांडो यादव, जो जमीन की खरीद-बिक्री का काम करता है, उसके मोबाइल पर बात कर जमीन खरीदने का बहाना बना कर गाड़ी में बैठा कर डोभी ले जायेंगे और कहीं उतार देंगे. योजना के तहत कमांडो के गाड़ी से उतरने के तुरंत बाद पीछे से दूसरी गाड़ी से कमांडो को धक्का मार देना था, ताकि लोग उसे सड़क दुर्घटना में हुई मौत मान लें. एसएसपी ने बताया कि योजना के अनुरूप उक्त सभी एक दिसंबर को दो गाड़ी से बोधगया आये और जमीन का अग्रीमेंट करने व रुपये एडवांस करने के बहाने कमांडो को गाड़ी में बैठा लिया. पीछे से मुन्ना उर्फ मोबारक व परामानंद बोलेरो से इस ताक में चल रहे थे कि कमांडो के अगली गाड़ी से नीचे उतरते ही उसे धक्का मार देना है.
लेकिन, कमांडो यादव को गाड़ी में बैठाने के बाद गाड़ी जैसे ही दोमुहान से डोभी की ओर बढ़ी, तो कमांडो यादव ने इसका विरोध किया व गाड़ी रोकने के लिए झगड़ा होने लगा. इसी दौरान अन्य लोगों ने रस्सी से कमांडो का गला घोंट दिया और उसके शव को सिरिस मोड़(औरंगाबाद) के समीप फेंक दिया. एसएसपी ने यह भी बताया कि अनुसंधान के क्रम में पता चला कि कमांडो यादव के अपहरण को लेकर उपयोग किया गया मोबाइल सिम डेहरी थाना क्षेत्र के दुसाधी तेंदुआ गांव की आरती देवी के नाम से था.
इस दौरान पुलिस ने आरती देवी से पूछताछ की व बयान के आधार पर उसे भी जेल भेज दिया गया. उधर, पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि दयानंद यादव, उसके भाई व मामा का संबंध अफीम तस्करों से भी है. इस हत्याकांड में शामिल अपराधी अफीम व हेरोइन का भी धंधा करते रहे हैं. बोधगया के इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने बताया कि इस कांड में शामिल अन्य आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.