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आज भी प्रासंगिक हैं विवेकानंद के आदर्श
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय में आयोजित एनएसएस के स्पेशल कैंप के छठे दिन स्वयंसेवकों ने युवा उत्सव मनाया व स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अनुपालन करने का संकल्प लिया. यहां राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया व छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला. एनएसएस के कार्यक्रम […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय में आयोजित एनएसएस के स्पेशल कैंप के छठे दिन स्वयंसेवकों ने युवा उत्सव मनाया व स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अनुपालन करने का संकल्प लिया. यहां राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया व छात्र-छात्राओं ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला.
एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ धनंजय धीरज ने कहा कि चाहे दुनिया के अन्य देश परमाणु से संपन्न होकर महाशक्ति के रूप में अपने-अाप को क्यों ने खड़ा कर ले, पर आज भी भारत आध्यात्मिक महाशक्ति के रूप में विद्यमान है. भारत आध्यात्मिक गुरु था व आज भी भारत आध्यात्मिक रूप में दुनिया को निर्देशित कर रहा है. उन्होंने युवाओं के संदर्भ में कहा कि किसी भी देश की आबादी शत-प्रतिशत युवाओं की नहीं हो सकती है, लेकिन किसी भी देश का शत-प्रतिशत भविष्य युवाओं पर जरूर टिकी है. उन्होंने राष्ट्र निर्माण व राष्ट्र को विकसित करने में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया व इसके लिए स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आज भी प्रासंगिक होने की बात करते हुए युवाओं से अपील की कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने का प्रयास करें.
संगोष्ठी में एनएसएस के स्वयंसेवकों ने भी अपने विचारों से अवगत कराया व स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आज की जरूरत बताया. इस अवसर पर एमयू के एनएसएस समन्वयक डॉ ब्रजेश राय व कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो विरेंद्र कुमार ने भी संबोधित कर छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया. कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण के साथ की गयी. बुधवार को स्पेशल कैंप का समापन होगा व सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जायेगा.
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