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जनवरी में गरमी ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा : वीसी
कैंप के दौरान स्वयंसेवकों को दी जायेगी ट्रेनिंग, करेंगे सामाजिक कार्य भी बोधगया : जनवरी महीने में ठंड का कम होना और गरमी का बढ़ना ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है. यह ग्रीन हाउस का ही प्रकोप है कि मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. ये बातें मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) प्रो एम […]
कैंप के दौरान स्वयंसेवकों को दी जायेगी ट्रेनिंग, करेंगे सामाजिक कार्य भी
बोधगया : जनवरी महीने में ठंड का कम होना और गरमी का बढ़ना ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है. यह ग्रीन हाउस का ही प्रकोप है कि मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. ये बातें मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) प्रो एम इश्तियाक ने गुरुवार को मगध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के सात दिवसीय स्पेशल कैंप के दौरान कहीं. इससे पहले वीसी, प्रतिकुलपति (प्रो-वीसी), कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक व एनएसएस के समन्वयक ने मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय में आयोजित कार्यक्रम का दीप जला कर उद्घाटन किया.
कार्यक्रम में वीसी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर का पिघलना व समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी आनेवाले दिनों में खतरे के संकेत हैं. संभावना जतायी जा रही है कि जलस्तर बढ़ने से समुद्र के किनारे बसे शहर पानी में डूब जायेंगे, जिससे 1.25 बिलियन आबादी प्रभावित होगी. वीसी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का असर मनुष्य के अलावा पशु-पक्षी, पेड़-पौधे व कृषि पर भी पड़ रहा है. एक दिन ऐसा भी आयेगा, जब कृषि उत्पादन कम हो जायेगा और लोग भोजन के लिए मारामारी करते नजर आयेंगे. ग्लोबल वार्मिंग के लिए कार्बन उत्सर्जन के कारकों को दोषी बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विकसित देश आगे हैं. ये विकासशील देशों को दोषी ठहराने में लगे हैं.
वीसी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए ग्लोबल स्तर पर सामूहिक रूप से काम करना होगा. सिर्फ बात करने से नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को दिल से काम करना होगा. दरअसल, एनएसएस के स्पेशल कैंप में ‘मानव पर ग्लोवल वार्मिंग को प्रभाव’ को विषय बनाया गया है. इस दिशा में एनएसएस के स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग के दौरान स्वयं व अन्य लोगों को जागरूक किया जायेगा.
वीसी ने एमयू के वैसे कॉलेज, जहां एनएसएस का गठन नहीं किया गया है, वहां भी एनएसएस का गठन कर स्वयंसेवकों के लिए कैंप आयोजित कराने का निर्देश दिया.
एनएसएस से जुड़े हैं 20 लाख युवा
एनएसएस के एमयू को-ऑर्डिनेटर डॉ ब्रजेश राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि 1950 में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एनएसएस का गठन किया था. आज देश के 20 लाख युवा एनएसएस से जुड़ हुए हैं.
एनएसएस के स्वयंसेवक आपदा प्रबंधन, बाढ़ राहत, भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत का काम करने के अलावा गांवों में, मुख्य रूप से स्लम क्षेत्रों में साफ-सफाई व जागरूकता लाने में सक्रिय रहते हैं. उन्होंने बताया कि एमयू के 44 कॉलेजों में 79 एनएसएस की यूनिट गठित है. 30 यूनिटों का स्पेशल कैंप आयोजित किया जा चुका है. एमयू में पीजी विभागों व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के दो यूनिट काम कर रहे हैं. अगले सात दिनों में कैंप के दौरान एनएसएस के स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग के अतिरिक्त सामाजिक गतिविधियों व स्लम क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने में भी लगाया जायेगा.
इस कार्यक्रम में मंच का संचालन शिक्षा विभाग के शिक्षक डॉ धनंजय धीरज ने किया. एनएसएस की ओर से कुलपति, प्रतिकुलपति, डीएसडब्ल्यू व अन्य पदाधिकारियों को 51 किलो का फूलों का माला पहनाया गया और एनएसएस के छात्र-छात्राओं द्वारा बनायी गयी पेंटिंग्स भी भेंट की गयीं. कुलपति ने राष्ट्रपति से सम्मानित एनएसएस स्वयंसेवक धर्मेंद्र कुमार को शॉल भेंट कर सम्मानित किया व अन्य स्वयंसेवकों से भी बेहतर कार्य करने की अपील की.
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